हर एक लिखी हुई बात को
हर एक पढ़ने वाला नहीं समझ सकता

“क्योंकि” लिखने वाला
“भावनाएं” लिखता है
और
लोग केवल “शब्द” पढ़ते हैं.

अशोक कुमार चौधरी “प्रियदर्शी”