चौधरी साहब वेस्ट UP के बागपत जिले के निवासी थे ।।
वो किसानों से ज्यादा जाट बिरादरी के नेता थे ।।
बात तबकी है जब इंदिरा गांधी PM थीं और UP में भी कांग्रेस की सरकार थी ।।
उस समय बढ़ती हुई दिल्ली को विस्तार देने के लिए एक नई नगरी बसाने की योजना पे विचार हुआ … जो दिल्ली से सटा हुआ हो ।।
सरकारी अमले को काम पे लगाया गया ।।।
सभी पहलुओं पे विचार करने के बाद तमाम प्रोजेक्ट मैनेजरों इंजीनियरों और ब्यूरोक्रेट्स ने नोएडा बसाने की मंजूरी दी ।।
जमीन की तलाश शुरू हुई तो हर नजर बागपत पे आके टिक जाती ।।
शानदार बागपत नोएडा (new okhla industrial development authority) के लिए बिल्कुल परफेक्ट था ।।
बागपत में कई खूबियां हैं ।।
कल कल बहती जमुना …!!
मीठा भूगर्भ का जल ।।
दिल्ली और हरियाणा से घिरा हुआ ।।
एक तरफ ऐतिहासिक शहर मेरठ तो दूसरी तरफ समृद्ध गाजियाबाद ।।
हरिद्वार और उत्तराखंड का प्रवेश द्वार ।।
प्रपोजल PMO से पास हो गया ।।
फंड भी जारी हो गया ।।।
सब कुछ ठीक ठीक जा रहा था ।।
बागपत ..! जो तब मेरठ जिले की तहसील हुआ करता था, उसकी किस्मत बदलने वाली थी … पर अकस्मात ही उसपे किसानों की काली छाया पड़ गई ।।
चौधरी साहब के नेतृत्व में नोएडा बनाने का विरोध सड़कों पे तांडव मचाने लगा ।।
किसी को कुछ नहीं पता … बस आज के किसान बिल की तरह विरोध करना है तो करना है ।।
पत्रकार किसानों से पूंछते के नोएडा का विरोध क्यों ..??
किसान कहते नोएडा बनेगा तो बड़ी बड़ी गाड़ियां चलेंगी .. फिर हमारे भैंसा बुग्गी का एक्सीडेंट हो सकता है ।।
भैंसा बुग्गी ले के हजारों किसान सड़क जाम कर के बैठ गए ।।
कई दौर की बात हुई पर अफसोस इंदिरा जी .. मोदी जैसा मजबूत जिगरा न दिखा पाईं ..!!
नतीजतन नोएडा को वहां शिफ्ट करना पड़ा जहां आज नोएडा है ।।
नोएडा जन्नत बन गया और वहां के किसान आज कई कई लग्जरी गाड़ियों के मालिक हैं ।।
जबकि बागपत आज भी भैंसे के गोबर में लिथड़ा सिसक रहा है ।।
सुबह सुबह बागपत के इन क्षेत्रों में निकल जाइये … सड़क पर पुलिस भर्ती के लिए दौड़ लगाते जाटों के हृष्ट पुष्ट लड़के मिल जायँगे ..।।
और जिनकी भर्ती देखते उम्र निकल गई वो अपने भैंसा बुग्गी पे गोबर लाद के खेत मे जाते मिल जायँगे ।।
यही है आज के किसान और किसान आंदोलनों की हकीकत ।।
एक बार पुनश्च ..! किसानों के मसीहा चौधरी साहब को विनम्र श्रद्धांजलि ।।
उन्होंने इस क्षेत्र के लाखों किसानों के भैंसा बुग्गी को एक्सीडेंट होने से बचा लिया ।।अब फिर किसान आंदोलन पर है।। परमात्मा मेहर करे।।
साभार..