हम सब रिटायर हो गए हैँ
अपने आफिसों से बाहर हो गए हैँ
कल तक आफिस में अपने कामों की डींगे हांकते थे
थोड़े को बडा चडा कर बखानते थे
अभी कल की ही बात लगती है
बस ये पिछली ही रात लगती है
जब ज्वाइन किया था हम सबने
एक सपने की सौगात लगती है

कैसे ये दिन हैँ गुजर गये
हम कितनी ही ज़ल्दी बदल गये
कल के हम सजीले छबीले
आज झुर्रियों से हैँ भर गये
वो काले से कजरारे केश
हुऐ श्वेत वर्ण , बदल के भेष
हम स्कूटर ख़ूब चलाते थे
गांवो मेँ कस्बों में छोटे शहरों में अलख जगाते थे
सायकिल से शुरू कर कार पर पहुँचने का सुख मनाते थे
राई से पर्वत बनने का अलख जगाते थे

इक दूजे की दिक्कत मेँ हम
खुद ही दिल से लग जाते थे
पर जाने केसे ये युग बीत गया
कैसे अपना यौवन छीज गया
अपने सपनों का ये आँगन
नयनों की झड़ी से भीग गया
टायर्ड हुऐ बिना ही अपन
सारे यार रिटायर हो ही गयेकुछ तो असमय ही भगवान केभी प्यारे हो गये ।

पर यारों एक निवेदन है
हृदय का ये प्रतिवेदन है
वो जोश वो शान अमर रखना
निज स्वाभिमान प्रखर रखना
हो सके तो मुस्कुराहट बांट लेना
नातों में कुछ सरसराहट छांट रखना!
नीरस सी हो चली है जिंदगी बहुत, थोड़ी सी इसमें
शरारत बांट लेना!

जहां भी देखो गम पसरा है,
थोड़ी सी नातों में हरारत बांट लेना
शरीक होना गम इक दूजे के मे,
थोड़ी सी अपनों में इबादत बांट लेना!
हैं हम सब सेवानिवृत्त कार्य कलापों से,
पर सामाजिक जीवन में अपनी ज्योति हमेशा प्रखर रखना
व्यक्तिगत मिलन भले न हो सके
पर सम्बन्धों मे जीवन्तता बनाए रखना.
आने वाले नए वर्ष की अग्रिम शुभकामनाएं

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