सबसे बड़ी खबर…एनकाउंटर स्पेशलिस्ट सचिन वाज़े गिरफ्ता
दाल में कुछ काला है या पूरा दाल ही काला है ?
साध्वी प्रज्ञा को पीटने वाला… अर्णब को गिरफ्तार करने वाला… अंबानी के घर के बाहर गाड़ी में जिलेटिन रखवाने वाला एनकाउंटर स्पेशलिस्ट सचिन वाजे को NIA ने गिरफ्तार कर लिया है. 

ABP News’ की खबर के अनुसार, ताज़ा अपडेट ये है कि सचिन वाजे ने कबूल कर लिया है कि वो मुकेश अंबानी को दी गई बम वाली धमकी षड्यंत्र का हिस्सा थे. इसी खबर में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि वो इस पूरे षड्यंत्र का एक बहुत छोटा सा हिस्सा थे और बड़े खिलाड़ी शिवसेना के वो नेता हैं, जिनका उन्होंने नाम लिया है.

सचिन वाजे ने पूछताछ में कहा है कि वो तो सिर्फ इस पूरे प्रकरण का छोटा सा ऊपरी हिस्सा हैं। अब जब इस मामले में शिवसेना नेताओं के नाम सामने आए हैं तो पार्टी के प्रवक्ता संजय राउत ने सवाल उठाते हुए कहा है कि एक उद्योगपति के मामले की जाँच एक केंद्रीय एजेंसी क्यों कर रही है ?

NIA हर एंगल से इस मामले की जाँच कर रही है, जो अभी भी जारी है. राउत ने कहा कि मुंबई पुलिस ने कई बड़े केस हल किए हैं और इस केस की भी जाँच हो रही थी, लेकिन अचानक NIA घुस आती है और ताबड़तोड़ कार्रवाई करती है. संजय राउत ने दावा किया कि इससे मुंबई पुलिस का मनोबल गिरा है. सचिन वाजे की जो इनोवा गाड़ी तलाशी के लिए लाई गई है, कहा जा रहा है कि वो उस दिन उक्त स्कॉर्पियो से कुछ ही दूरी पर खड़ी थी.

भाजपा नेता राम कदम ने सच्चाई सामने लाने के लिए सचिन वाजे के नार्को टेस्ट की माँग की है. हाल ही में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी कहा था कि पुलिस अधिकारी के साथ ऐसा बर्ताव किया जा रहा है, मानो वह ओसामा बिन लादेन हो. जबकि पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने चुटकी लेते हुए कहा कि वाजे को वकील की कोई आवश्यकता ही नहीं है क्योंकि उनकी वकालत खुद राज्य के सीएम ही कर रहे हैं.

सचीन वाजे के बारे में बता दें कि उन्हें एनकाउंटर स्पेशलिस्ट कहा जाता रहा है. कोल्हापुर के रहने वाले वाजे 1990 बैच के IPS अधिकारी हैं, जिन्होंने 1992-2004 के बीच 63 अपराधियों का एनकाउंटर किया.

बई के घाटकोपर ब्लास्ट से जुड़े मामले में ख्वाजा यूनुस की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी, जिसके बाद CID जाँच हुई और वाजे गिरफ्तार हुए. निलंबन के बाद वो शिवसेना में चले गए लेकिन 2020 में उन्हें शिवसेना की सरकार में फिर वर्दी मिल गई.

टेक्नोलॉजी पर अच्छी पकड़ के चलते उन्होंने साल 2010 में लाल बिहारी नाम की नेटवर्किंग साइट भी शुरू की थी. कहा जाता है कि तकनीक की अच्छी जानकारी रखने वाले वाजे ने कथित तौर पर सॉफ्टवेयर भी डेवलप किया है.

निलंबन के समय वो मीडिया में बतौर ‘विशेषज्ञ’ आते थे। कहा जाता है कि उस दौरान भी कुछ जाँच एजेंसियों ने उनका सहयोग लिया था. वाजे ने शीना बोरा हत्या मामले में और डेविड हेडली पर किताब भी लिखी है.

1990 के दशक में 63 एनकाउंटर करने वाले सचिन वाजे को NIA ने गिरफ्तार कर लिया है. सचिन वाजे ने पूछताछ में ये स्वीकार कर लिया है कि मुंबई में एंटीलिया हाउस यानी मुकेश अंबानी के घर के बाहर मनसुख हीरेन की SUV और उसमें जिलेटिन सचिन वाजे ने ही रखवाए थे.

अब ये पूरा मामला धीरे धीरे खुलना शुरू हो गया है… दरअसल सचिन वाजे और मनसुख हीरेन (जिसकी गाड़ी अंबानी के घऱ के बाहर मिली) एक ही कॉलोनी में पास पास ही रहते थे.

ढाई महीने पहले मनसुख हीरेन से सचिन वाजे ने गाड़ी ले ली थी. बाद में कुछ दिन पहले दोबारा मनसुख हीरेन को गाड़ी वापस कर दी थी.

जब गाड़ी एंटालिया के बाहर मिली तो पुलिस ने गाड़ी के नंबर के आधार पर मनसुख हीरेन से ही पूछताछ की थी.
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जब मनसुख हीरेन की हत्या हो गई तो उनकी पत्नी ने सचिन वाजे पर आरोप लगाया… पूछताछ में सचिन वाजे ने साजिश की बात स्वीकार कर ली.

आशंका ये भी है कि सचिन वाजे ने ही मनसुख हीरेन की हत्या भी की हो.

दरअसल ये मामला बहुत बड़ा होने वाला है… क्योंकि सचिन वाजे ने ही साध्वी प्रज्ञा की पिटाई की थी… सचिन वाजे ने ही हिंदुत्व और आतंकवाद की थ्योरी रची … सचिन वाजे ने ही अर्णब की गिरफ्तारी का खेल रचा… सचिन वाजे के आतंकवादियों के साथ चैट भी सामने आ चुके हैं… तो क्या सचिन वाजे पाकिस्तानी आतंकवादियों के इशारे पर काम कर रहे थे.

 

ये भी हो सकता है कि सचिन वाज़े ने पाकिस्तानी आतंकियों के इशारे पर मुकेश अंबानी की जासूसी का प्लान तैयार किया हो ताकी भारत की अर्थव्यवस्था को चोट पहुँचाई जा सके…

अभी बहुत सारे सच सामने आना बाकी हैं लेकिन ये खुल्ला सच है कि सचिन वाजे साल 2007 में पुलिस छोड़ चुके थे । साल 2008 में उन्होंने शिवसेना ज्वाइन की थी और साल 2020 में वो दोबारा मुंबई पुलिस में ज्वाइन कर लिए थे

एंटीलिया केस में बहुत कुछ बड़े खुलासे बस होने ही वाले हैं.

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