योग अपनावे सुंदर जीवन पायें :जानू चक्रासन : घुटने के लिए उपयोगी आसन जानिये इसकी विधि और लाभ

संस्कृत में घुटने को जानू कहते है और इस आसन का आशय घुटने को चक्राकार तरीके से घुमाकर आसन करना है । ये आसन मुख्य रूप से घुटने को स्वस्थ रखने और लंबे समय तक बिना बीमारी के क्रियाशील रखने के उद्देश्य से किया जाता है । यह आसन पैरो के लिए सबसे महत्वपूर्ण है। ज्यादातर जो घुटनो में दर्द होता है जानू चक्र आसन करने से इस दर्द राहत मिलती है।

जानू चक्र आसन के लाभ

घुटने और पैरो को स्वस्थ रखने के लिए सर्वीत्तम आसन है

यह आसन जिगर को उत्तेजित करता है जिससे पाचन क्रिया पर अच्छा प्रभाव पड़ता है

यह आसन मस्तिष्क को शांत करता है और हल्के अवसाद को दूर करने में मदद करता है।

इसका निरंतर आभ्यास रीढ़, कंधों, हैमस्ट्रिंग, और कमर को खींचता है जिससे लचीलापन और मजबूती आती है

इस आसन के प्रयोग से गुर्दों में रक्तशोधन क़ी क्रिया में तेजी आती है और रक्त शुद्दीकरण व परिसंचरण में सुधार होता है

महिलाओ क़ी समस्या मासिक धर्म व रजोनिवृत्ति के लक्षणों से राहत देने में मदद करता है।

चिंता, थकान, सिरदर्द की परेशानी से छुटकारा दिलाता है।

जानू चक्रासन क़ी विधि

सबसे पहले आप किसी समतल साफ व शांत स्थान पर आसन बिछाकर उस पर बैठ जावे

फिर अपने दोनो पैरो को सामने की ओर फैला ले।

दोनो पैरो के मध्य कुछ दूरी अवश्य रखे

कमर को बिल्कुल सीधा रखे

श्वास प्रक्रिया पर नियंत्रण रखे

अपने एक पैर के घुटने के पास वाली जंघा को दोनों हाथो की उंगलियों को आपस से जकडकर मजबूती से पकडे

फिर अपने पैर को हवा में धीरे धीरे ऊपर की तरफ उठाये

अपने हाथो से पैर को मजबूती से थामे और उसको बाएँ से दायें की और गोल चक्राकार घुमाये।

इस चक्र को कम से कम 10 बार बनाये।

यही प्रक्रिया अब दूसरे पैर से भी दोहराये।

इस तरह एक चक्र पूर्ण करें

जानू चक्रासन में सावधानियां

वैसे तो कोई ज्यादा कठिन आसन नही होने से इस आसन को हर उम्र और हर प्रकार के व्यक्ति द्वारा किया जा सकता है पर जो रोगी पीठ दर्द घुटना दर्द या ताजा सर्जरी से ग्रसित हो उन्हे ये आसन विशेषज्ञ क़ी सलाह पर ही करना चाहिए

योगाचार्य इंजीनियर आर्यन

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