विधान सभा चुनाव 2020 में कांग्रेस पार्टी की स्थिति कमजोर हुई है फलस्वरूप पार्टी में नेतृत्व की नाकामी के विरुद्ध चर्चा जोरों पर है. इस बात की पूरी संभावना है की बिहार कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में परिवर्तन हो.
विगत चुनाव की तरह इस बार भी कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता पार्टी के रहमो करम पर ही चुनाव मैदान में उतरी परन्तु चुनाव परिणाम अपेक्षा के विपरीत रहा. अतएव पूरी संभावना है की कांग्रेस आलकमान प्रदेश में पार्टी का दायित्व किसी ऐसे नेता को दे जो प्रदेश पार्टी में जान डाल सके.
ऐसे में बात आती है की आलाकमान किस पर भरोसा करे.. ऐसे में पार्टी के पास एक नेता है जो केंद्रीय के काफी निकट है तथा भरोसेमंद भी है. वह है तारिक अनवर जिस पर पार्टी भरोसा कर सकती है.

कौन है तारिक अनवर ? राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और लोक सभा सीट से इस्तीफा देने वाले सांसद तारिक अनवर की राजनीतिक सफर शुरूआत किया था। भारतीय कांग्रेस पार्टी से जुड़ने के बाद युथ कांग्रेस पार्टी के सदस्यता ग्रहण किया था। इसके अध्यक्ष भी रहे थे। इसके बाद सेवादल के अध्यक्ष, पार्टी के वर्किंग कमिटी तथा जेआईसीसी के सदस्य भी रहे।

उन्हें पार्टी का बिहार प्रदेश अध्यक्ष भी बनाया गया था। राष्ट्रीय अध्यक्ष के सलाहाकार के रूप में काम करते हुए अनवर पाटर्ी में कई अलग-अलग पदों पर कर चुके हैं। भारतीय कांग्रेस पार्टी के टिकट पर पहली बार वह वर्ष 1980 सांसद बने थे। इसके बाद वर्ष 1984 में दूसरी बार सांसद चुने गये। इसके बाद 1989, 1991, में लोक सभा की चुनाव हारने के बाद 1996 और 1998 में दो बार सांसद के रूप में निर्वाचित हुए। इसके बाद 2014 में लोक सभा चुनाव में अपनी जीत पक्की की। कुल मिलाकर तारिक अनवर कटिहार लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से सांसद तथा एक बार महाराष्ट्र से राज्य सभा सांसद निर्वाचित हुए। तारिक अनवर का जन्म 16 जनवरी 1951 में बिहार के पटना में हुआ था। उन्होंने अपने राजनीतिक कैरियर को बहुत कम ही आयु में शुरू कर दिया था। वह 1976 से 1981 तक बिहार प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष तथा 1982 से 1985 तक भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी थे। 1988 से 1989 तक बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष थे।
अभी हाल में बिहार में महागठबंधन की हार के लिए तारिक अनवर ने कांग्रेस को जिम्मेवार ठहराया था.

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