कृत्रिम बुद्धिमत्ता क्या है Artificial Intelligence (AI) आज अगर इंसानो ने टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में इतना विकास किया है, तो उसमें हमारे ह्यूमन ब्रेन का सबसे बड़ा हाथ है। अपनी इस बुद्धि के बल पर इंसानो ने कई अविष्कार किये है और यह बताने वाली बात नही कि हर अविष्कार ने मनुष्यो की जिंदगी को एक नई दिशा दी है। जब Computer बने थे तो किसी से सोचा तक नही था कि हम भविष्य में स्मार्टफोन जैसी किसी चीज का इस्तेमाल कर पाएंगे।लेकिन आज यह हमारी जिंदगी का हिस्सा ही नही बल्कि हमारे किसी भी काम मे बहुत मदद करता है। पिछले कुछ सालों में टेक्नोलॉजी को एक अलग स्तर में ले जाने के लिये कंप्यूटर साइंस के कुछ साइंटिस्ट ने AI कांसेप्ट को दुनिया के सामने रखा था। इसका मूल मकसद ऐसे कंप्यूटर कंट्रोल्ड रोबोट या सॉफ्टवेयर बनाना था जो इंसानो की तरह सोच कर किसी समस्या का हल निकाल सके।लेकिन कई दूसरे साइंटिस्ट्स का मानना है कि टेक्नोलॉजी में इस तरह के डेवलपमेंट मशीनो को सुपर इंटेलिजेंस बना सकता है जो आगे चलकर मानव अस्तित्व के लिए खतरा पैदा करेगा। Artificial Intelligence या Machine Learning इंसानो के लिए कितनी फायदेमंद होगी यह तो आने वाला भविष्य ही बताएगा। फिलहाल अभी हम आपको बताते है कि Artificial intelligence (AI) क्या है?कृत्रिम बुद्धिमत्ता {AI} क्या है Artificial Intelligence (AI) या “कृत्रिम बुद्धिमत्ता” कंप्यूटर साइंस की एक शाखा है, जो ऐसी मशीनों को विकसित कर रही जो मनुष्यो की तरह सोच सके और कार्य कर सके। जैसे: आवाज की पहचान, समस्या को सुलझाना, लर्निंग और प्लानिंग. यह मनुष्यों और जानवरों के द्वारा प्रदर्शित Natural intelligence के विपरीत Machines द्वारा प्रदर्शित intelligence है।इसके द्वारा एक ऐसे कंप्यूटर कंट्रोल्ड रोबोट या सॉफ्टवेयर बनाने की योजना है, जो वैसे ही सोच सके जैसे ह्यूमन माइंड सोचता है। Artificial Intelligence को इसमे परिपूर्ण बनाने के लिए उसे लगातार तैयार किया जा रहा है। इसके प्रशिक्षण में इसे मशीनों से अनुभव सिखाया जाता है, नए इनपुट के साथ तालमेल बनाने और मानव जैसे कार्यो को करने के लिए तैयार किया जाता है।तो कुल मिलाकर Artificial Intelligence के उपयोग से ऐसी मशीने बन रही है, जो अपने एनवायरनमेंट के साथ इंटरैक्ट करके प्राप्त डाटा पर खुद बुद्धिमानी से कार्य कर सकती है। यानी अगर फ्यूचर में AI concept और मजबूत होता है, तो यह हमारे दोस्त जैसा होगा। अगर आपको कोई प्रॉब्लम आयेगी तो उसके लिए क्या करना है यह आपको खुद सोच कर बतायेगा।मूल रूप से Artificial Intelligence (AI) एक मशीन या कंप्यूटर प्रोग्राम की सोचने और सीखने की क्षमता है। यह अवधारणा इस विचार पर आधारित है, कि मशीनों को इतना सक्षम बनाया जाए की वह खुद किसी समस्या के बारे में इंसानों की तरह सोचे उस पर कार्य करे और उससे सीखे।कृत्रिम बुद्धिमत्ता Artificial Intelligence के उदाहरणआज AI एक बहुत ही लोकप्रिय विषय है, जिसकी टेक्नोलॉजी और बिज़नेस के क्षेत्रो में काफी चर्चा है। कई विशेषज्ञों और उद्योग के जानकारों का मानना है, की AI या machine learning हमारा भविष्य है। लेकिन अगर हम अपने चारों तरफ देखे तो हम पाएंगे की यह हमारा भविष्य नही बल्कि वर्तमान है। टेक्नोलॉजी के विकास के साथ आज हम किसी न किसी तरीके से Artificial Intelligence से जुड़े हुवे है और इसका फायदा भी ले रहे है। हां, यह बात जरूर है कि AI technology अपने पहले चरण में है।अभी हाल में कई कंपनियों ने machine learning पर काफी निवेश किया है। जिसके कारण कई AI product और Apps हमारे लिए उपलब्ध हुवे है। तो चलिये अब हम आपको आज इस्तेमाल होने वाले कुछ ऐसे AI example देते है, जिससे आप और अच्छी तरह से समझ पाएंगे कि Artificial Intelligence किसे कहते है?
Siri
Siri के बारे में शायद आपने जरूर सुना होगा यह Apple द्वारा पेश किया गया सबसे लोकप्रिय आभासी सहायक (virtual assistant)है। हालांकि यह सिर्फ iPhone और iPad में उपलब्ध है। यह AI का सबसे बेहतरीन उदाहरण है, इससे बस आप ‘Hey Siri’ बोलिये और यह आपके लिए मैसेज भेज सकता है, इंटरनेट पर इनफार्मेशन ढूंढ सकता है, फ़ोन कॉल कर सकता है, कोई भी एप्लीकेशन ओपन कर सकता है यहां तक कि टाइमर सेट व कैलेंडर में इवेन्ट सेव करने जैसे कामो में आपकी सहायता कर सकता है।Siri apple virtual assistantSiri आपकी भाषा और सवालो को समझने के लिए Machine Learning तकनीक का प्रयोग करती है। यह सबसे अनुकूल वॉइस एक्टिवेटिड कंप्यूटर है। इससे संबंधित डिवाइस Alexa और Google Assistant भी है। जो समान कार्य के लिए ही प्रयोग किये जाते है।
Tesla
न केवल Smartphones बल्कि Automobiles भी Artificial Intelligence की ओर बढ़ रहे है। अगर आप एक कार गीक है, तो आप Tesla के बारे में जानते होंगे। यह अब तक उपलब्ध सबसे बेहतरीन Automobiles में से एक है। Tesla car में न केवल self driving बल्कि उत्पादक क्षमताओं और पूर्ण तकनीकी नवाचार जैसे फीचर उपलब्ध है। ऐसी ही न जाने कितनी self driving car और बन रही है जो आने वाले वक्त में और भी स्मार्ट हो जाएगी
Google Map
वैसे Google कई क्षेत्र में AI का इस्तेमाल करता है। लेकिन Google map में AI technology का अच्छा इस्तेमाल हुआ है। हमको किसी भी जगह का रास्ता बताने के लिए AI मैपिंग के साथ giant’s technology सड़क जानकारी को स्कैन करती है और अल्गोरिथ्म्स का प्रयोग करके सही रूट को हमे बताती है। अभी Google ने अपनी वॉइस असिस्टेंट में सुधार करके और रियल टाइम में संवर्धित वास्तविकता नक्शे बनाकर अपने google map में Artificial intelligence को और आगे बढ़ाने की योजना बनाई है।AI mapping in google map.
Nest
Nest सबसे प्रसिद्ध और Artificial intelligence स्टार्टअप में से एक था और इसे 2014 में Google द्वारा खरीद लिया गया। नेस्ट लर्निंग थर्मोस्टेट आपके व्यवहार और दिनचर्या के आधार पर एनर्जी को बचाता है। ऐसा करने के लिए यह व्यवहार एल्गोरिदम का उपयोग करता है। यह इतनी इंटेलीजेंट मशीन है, कि सिर्फ एक हफ्ते में ही आपके लिए उपयोगी तापमान का पता लगा लेती है। अगर घर मे कोई न हो तो यह ऊर्जा बचाने के लिए ऑटोमेटिकली टर्न ऑफ हो जाती है।
Echo
Echo को Amazon द्वारा लांच किया गया था। यह एक ऐसा क्रांतिकारी प्रोडक्ट है, जो आपके सवालो के जवाब दे सकता है, आपके लिए ऑडियो-बुक पढ़ सकता है, आपको ट्राफिक और मौसम का हाल बता सकता है, लोकल बिज़नेस के बारे में जानकारी उपलब्ध करा सकता है तथा स्पोर्ट्स स्कोर भी प्रदान कर सकता है। Echo में और भी बड़े बदलाव किए जा रहे है जिससे यह नई सुविधाओं को जोड़ता जा रहा है। उम्मीद है, आने वाला वक्त Echo को और भी स्मार्ट बना देगा।कृत्रिम बुद्धिमत्ता {AI} का इतिहास1950 ही वो साल था जब Artificial intelligence रिसर्च की शुरुवात हुई थी। इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर और स्टोर्ड-प्रोग्राम कंप्यूटर के विकास के साथ ही AI के क्षेत्र में रिसर्च का काम शुरू हुआ। इसके बाद भी कई दशकों तक एक कंप्यूटर किसी ह्यूमन माइंड की तरह सोच या कार्य कर पाए इसकी कोई कड़ी नही जुड़ पायी। आगे चलकर एक खोज जिसने AI के शुरुवाती विकास को बहुत हद तक बड़ाया वह Norbert Wiener द्वारा बनाई गई थी।उन्होंने यह सिद्ध किया कि इंसानो के सभी बुद्धिमान व्यवहार प्रतिक्रिया तन्त्र के परिणाम होते है। मॉडर्न AI की दिशा में एक और कदम तब बड़ा जब लॉजिक थेओरिस्ट का निर्माण हुआ। 1955 में Newell और Simon द्वारा डिज़ाइन किया गया यह फर्स्ट AI प्रोग्राम माना जा सकता है।कृत्रिम बुद्धिमत्ता {आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस} के जनककई शोध के बाद अंततः जिस व्यक्ति ने Artificial intelligence की नींव रखी वह थे AI के जनक John McCarthy यह एक अमेरिकन साइंटिस्ट थे। AI के क्षेत्र में और विकास करने के लिए उन्होंने 1956 में एक सम्मेलन “The Dartmouth Summer Research Project on Artificial Intelligence” का आयोजन किया। जिसमे वो सभी लोग भाग ले सकते थे जो machine intelligence में रुचि रखते हो। इस सम्मेलन का मकसद रुचि रखने वाले लोगो की प्रतिभा और विशेषज्ञता को आकर्षित करना था ताकी वह इस काम मे McCarthy की मदद कर सके।बाद के वर्षों में AI रिसर्च सेंटर का गठन Carnegie Mellon University के साथ-साथ Massachusetts Institute of Technology में हुआ। इसके साथ ही AI को कई चुनोतियों का सामना भी करना पड़ा। पहली चुनौती जो उनके के सामने थी एक ऐसे सिस्टम का निर्माण करना जो बहुत कम खोज करके किसी समस्या को कुशलता से हल कर सके। दूसरी चुनौती ऐसे सिस्टम का निर्माण जो खुद से किसी कार्य को सीख सकता हो। Artificial intelligence के क्षेत्र में पहली सफलता तब मिली जब 1957 में Newell और Simon द्वारा एक जनरल प्रॉब्लम सॉल्वर (G.P.S) नामक नावेल प्रोग्राम बनाया गया।यह Wiener के फीडबैक सिद्धांत का विस्तार था। इसके जरिये सामान्य ज्ञान की समस्याओं का अधिक से अधिक समाधान किया जा सकता था। AI History में 1958 में John McCarthy द्वारा LISP लैंग्वेज का निर्माण किया गया। इसे जल्द ही कई AI रिसर्चरों द्वारा अपनाया गया था और यह आज भी उपयोग में है।कृत्रिम बुद्धिमत्ता {AI} के लक्ष्यजैसा कि हम जानते है, कि AI पूरी दुनिया में सबसे शक्तिशाली और तेजी से बढ़ती टेक्नोलॉजी है। AI एक प्रकार की कृत्रिम चेतना (Artificial consciousness) है जो मानव के निर्देश देने पर कार्य करती है। भले ही Artificial intelligence मनुष्यो द्वारा विकसित की गई है, लेकिन इसमें कोई संदेह नही की AI मनुष्यों की तुलना में अधिक कुशल, बेहतर और कम खर्च में काम करती है। इसीलिए अब कई बिज़नेस इंडस्ट्री के फील्ड में AI को काम मे लिया जा रहा है।अभी कुछ हद तक कृत्रिम बुद्धिमत्ता {AI} हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में आ चुकी लेकिन वो दिन दूर नही जब हम पूरी तरह से इस टेक्नोलॉजी का उपयोग करने लगेंगे। तो यह सत्य है, कि पूरी दुनिया मे AI का बहुत उज्ज्वल भविष्य है। भविष्य में ज्यादातर काम और कई क्षेत्र AI के ऊपर निर्भर होंगे। इसके साथ ही यह कयास भी लगाए जा रहे है, की यह मनुष्यों के जीवन पर बहुत बुरा प्रभाव डाल सकता है। तो चलिये अब आपको AI के कुछ लक्ष्यों को बताते है जिसे हासिल करके यह AI technology जल्द ही हम तक पहुच जाएगी।निर्णय लेने की शक्ति बढ़ाना: कृत्रिम बुद्धिमत्ता {AI} का प्रथम लक्ष्य यही है, कि मनुष्यो की तरह सोचने वाली थिंकिंग मशीन को बनाया जाये। जो मानव की किसी भी समस्या को खुद से डिसिशन लेकर हल कर सके। इस दिशा में AI ने कुछ उपलब्धियां भी हासिल की है। अभी हाल में एक female AI Robot (Sophia) को बनाया गया। इसके पास कुछ हद तक डिसिशन मेकिंग पावर है और यह आपके किसी भी सवाल का जवाब आसानी से दे सकती है। ऐसे ही कुछ AI Concept आपको स्मार्ट डिवाइस में भी देखने को मिलेंगे जैसे Google home, Siri, Alexa इत्यादि।कार्य में कुशलता: हम इंसान किसी कार्य को करने में काफी आलसी होते है, जिसके कारण हम अपने कामो को पूरा करने में बहुत ज्यादा समय लगाते है और उनमे ज्यादा गलतियां भी होती है। इंसानो की इसी आदत को देखते हुवे कृत्रिम बुद्धिमत्ता AI researches इस दिशा में बहुत तेजी से काम कर रहे । इनका मूल मकसद AI को ऐसा बनाना है ताकि वो किसी भी कार्य को न्यूनतम गलती के साथ तेजी से कर पाये।समय की बचत:जाहिर सी बात है, AI मनुष्यो की तुलना में काफी अधिक तेजी से काम कर सकता है। क्योंकि यह एक प्रकार की मशीन है, इसलिए यह काम करने में कभी नही थकता और हमारी तरह कभी ब्रेक भी नही लेता। इस विषय को देखते हुवे कई ऐसी AI मशीन बनाई जा रही है, जो जल्द ही मनुष्यों की जगह ले लेगी।कृत्रिम बुद्धिमत्ता {Artificial Techniques} क्या हैकृत्रिम बुद्धिमत्ता {AI} तकनीक एक तरीका है, जो व्युत्पन्न ज्ञान का उपयोग करता है। ताकि इसके एरर को करेक्ट करने के लिये संसोधित किया जा सके। AI technique एक सांख्यिकीय और मैथमेटिकल मॉडल के उन्नत रुपों से बने मॉडल है। ये मॉडल कंप्यूटर या मशीन के लिए उन कार्यो की गणना करना सम्भव बनाते है जो मनुष्यों द्वारा किये जाते है इसके कुछ उदाहरण है:कृत्रिम बुद्धिमत्ता {AI} के प्रकारटेक्नोलॉजी के इस युग मे, Artificial intelligence सभी इंडस्ट्रीज और कई क्षेत्रों में हावी होने लगी है। इसकी सबसे बड़ी वजह मशीन का मानव की तुलना में अधिक प्रभावी ढंग से कार्य करना है। तो वो दिन दूर नही जब किसी हॉलीवुड मूवीज की तरह रोबोट्स का दबदबा हमारी दुनिया पर होगा। कृत्रिम बुद्धिमत्ता {AI} या जिसे हम machine learning भी कहते है इसको दो प्रकार के मुख्य भागों में बांटा जाता है।पहला भाग
कमजोर बुद्धिमत्ता (Week AI) – कमजोर बुद्धिमत्ता जिसे नैरो एआई के नाम से भी जाना जाता है, यह पूरी तरह से नैरो टास्क के कार्यो पर केंद्रित है। Weak AI किसी Strong AI या जनरल आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस के विपरीत किसी विशेष समस्या को पूरा करने के लिये होती है। यह मशीन अपना काम करने में बहुत स्मार्ट नही होती है। परंतु उन्हें ऐसा बनाया जाता है कि वे स्मार्ट लगे। उदाहरण के लिये Ludo Game में जब आप कंप्यूटर मोड खेलते है, तो एक तरफ से टोकन्स खुद ब खुद बढ़ती जाती है। उसके ऐसा करने के लिए सारे रूल्स व मूव्स पहले से ही सॉफ्टवेयर में फीड कर दिए जाते है।
मजबूत बुद्धिमत्ता (Strong AI) – मजबूत बुद्धिमत्ता जिसका उपयोग AI डेवलपमेंट के एक निश्चित माइंडसेट का वर्णन करने के लिए किया जाता है। इस का लक्ष्य उस बिंदु पर Artificial intelligence विकसित करना है, जहां मशीनों की बौद्धिक क्षमता कार्यात्मक रूप से इंसानो के बराबर हो। स्ट्रांग AI ऐसी मशीनें बनाता है जो वास्तव में इंसान की तरह सोच और कार्य कर सकती है। अभी इसके कोई उचित मौजूद उदाहरण नही है लेकिन कुछ इंडस्ट्री एक स्ट्रांग AI बिल्ड करने के काफी नजदीक पहुच चूकि है।
दूसरा भाग
प्रतिक्रियाशील मशीनें (Reactive Machines) – यह मशीन बहुत बेसिक होती है क्योंकि यह मेमोरी स्टोर नही करती है और फ्यूचर में किसी कार्य को करने के लिए अपने पास्ट अनुभवों का उपयोग भी नही कर पाती है। प्रतिक्रियाशील मशीनें बस देख कर उस पर रिएक्ट करती है। IBM का डीप ब्लू जिसने शतरंज के ग्रांड मास्टर कास्परोव (Kasparov) को हराया इसका एक अच्छा उदाहरण है।
आत्म जागरूकता (Self-Awareness) – यह एक ऐसी Artificial intelligence है, जिसके पास अपनी खुद की चेतना, सेल्फ अवेयरनेस और सुपर इंटेलिजेंस होती है। सरल शब्दों में आप इसे एक तरह का ह्यूमन भी कह सकते है। लेकिन अभी तक इस तरह का बॉट उपलब्ध नही है। अगर भविष्य में यह मुमकिन हो सका तो AI के लिए यह बड़ी उपलब्धि होगी।
सीमित स्मृति (Limited Memory)- यह ऐसे AI सिस्टम होते है, जो फ्यूचर डिसिशन को इन्फॉर्म करने के लिए पिछले अनुभवों का उपयोग कर सकते है। सेल्फ ड्राइविंग कार में कुछ डिसिशन मेकिंग फंक्शन्स को डिज़ाइन किया गया है।
मस्तिष्क का सिद्धांत (Theory of Mind)- इस प्रकार की AI मशीन को लोगो की भावना, विश्वास, विचार, उम्मीद और सामाजिक रूप से बातचीत करने में सक्षम बनाया जाता है। हालांकि इस क्षेत्र में काफी प्रयोग हुए है लेकिन अभी ऐसी कोई चीज निकलकर सामने नही आई जिससे यह सम्भव हो सके।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता {AI} के ApplicationsAI महत्वपूर्ण है क्योंकि यह विभिन्न उधोगों जैसे मनोरजंन, शिक्षा, स्वास्थ्य, वाणिज्य, परिवहन और उपयोगिताओं में कठिन मुद्दों को हल करने में मदद कर सकता है। AI एप्लीकेशन को पांच श्रेणियों में बांटा जा सकता है।1) ज्ञान – दुनिया के बारे में जानकारी प्रस्तुत करने की क्षमता। जैसे वित्तीय बाजार व्यापार, खरीद भविष्यवाणी, धोखाधड़ी की रोकथाम, दवा निर्माण, चिकित्सा निदान, मीडिया की सिफारिश इत्यादि।2) विचार – तर्क कटौती के माध्यम से समस्याओं का हल करने की क्षमता। जैसे वित्तीय परिसम्पत्ति प्रबन्धन, कानूनी मूल्यांकन, वितीय अनुप्रयोग प्रसंस्करण, स्वायत्त हतियार प्रणाली, खेल इत्यादि।3) संचार – बोले जाने वाली और लिखित भाषा को समझने की क्षमता। जैसे बोले जाने वाली और लिखित भाषाओं का वास्तविक समय अनुवाद, वास्तविक समय प्रतिलेखन, बुद्धिमान सहायक, आवाज नियंत्रण इत्यादि।4) योजना – लक्ष्य निर्धारित करने और प्राप्त करने की क्षमता। जैसे सूची प्रबंधन, भाग पूर्वानुमान, भविष्य कहने वाला रखरखाव, भौतिक और डिजिटल नेटवर्क अनुकूलन, नेविगेशन इत्यादि।5) अनुभूति – ध्वनियों, चित्रो और अन्य संवेदी आदानों के माध्यम से दुनिया के बारे में चीजों का अनुमान लगाने की क्षमता। जैसे चिकित्सा निदान, स्वायत्त वाहन, निगरानी इत्यादि।आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ह्यूमन इंटेलिजेंस के बीच अंतरAI व Human intelligence के बीच डिफरेंस या मतभेद को समझने के लिए पहले हमें जानना होगा कि इंटेलिजेंस क्या है? अगर एक छोटी परिभाषा दे तो हमारी बुद्धि या इंटेलिजेंस में किसी इनफार्मेशन को प्राप्त करने की क्षमता, अनुभवों से सीखने की क्षमता, देखकर समझने और ढंग से विचार करने की क्षमता होती है। अपने नेचुरल व्यवहार के कारण यह बुद्धि संज्ञानात्मक कार्यो जैसे अनुभूति, मेमोरी, लैंग्वेज और प्लानिंग को एकत्रित करती है। तो चलिये अब Artificial intelligence और Human intelligence के अंतरो को विस्तार से अध्यन करते है।
Human intelligence को दिमाग की गुणवत्ता के रूप में परिभाषित किया जाता है। इसके अंदर पिछले अनुभवों से अनुभव लेने, परिस्थिति के अनुकल प्रतिक्रिया करने की ताकत, विचारों से निपटने और प्राप्त जानकारी का उपयोग करके स्वयं को परिस्थिति से बाहर निकालने की क्षमता होती है। Human intelligence की ऊर्जा दक्षता लगभग 25 watts होती है। मानव सैकड़ो स्किल को मैनेज करना अपनी जिंदगी से सीखता है। मानव में अनुभवी परिदृश्य से फैसला लेने की क्षमता होती है। ह्यूमन ब्रेन एनालॉग होता है।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता {AI} का काम उन मशीन को डिज़ाइन करना है, जो ह्यूमन व्यवहार की नकल कर सके। रोबोट वैज्ञानिक द्वारा डिज़ाइन किये गए निर्देशों का उपयोग करते है। AI को इंटेलीजेंट एजेंट द्वारा स्टडी और डिज़ाइन किया जाता है। AI रिसर्च कई क्षेत्रो के टूल्स और इनसाइट्स का प्रयोग करता है। यह रोबोटिक्स सेंट्रल सिस्टम जैसे कार्यो के लिए भी ओवरलैप करता है। AI की ऊर्जा दक्षता एक मॉडर्न मशीन या लर्निंग मशीन में 2 वाट्स होती है। प्रत्येक जिम्मेदारी पर सिस्टम को सिखाने के लिए समय काफी अधिक लगता है।
तो कुल मिलाकर कृत्रिम बुद्धिमत्ता {AI} एक्सपर्ट का मानना है कि AI भविष्य में कुछ भी करने में सक्षम होगा। यह किसी भी काम को इंसानो से बेहतर कर पायेगा। तो चलिए देखते है आने वाले समय मे यह ह्यूमन लाइफ को कितना प्रभावित करता है।
AI निश्चित रूप से समय की मांग है तथा आने वाले समय में व्रिहत उपयोगी साबित होगा।जैसा कि हम जानते हैं कि हर चीज के दो पहलू होते हैं, सकारात्मक एवं नकारात्मक।निश्चित रूप से AI का भी दोनो पहलुओं पर विचार करने की जरूरत है क्योंकि आज के समय में आदमी का महत्व के वनिस्पत महत्व कम होने को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है एवं भारत जैसे गरीब देश में आदमी को रोजगार के पहलुओं पर विस्तृत चर्चा करने के उपरांत ही AI का प्रयोग उचित होगा।हालांकि AI का कुछ खास जगह उपयोग निहायत जरूरी है।
Really it gives very good understanding of AI that is in Hindi. Thanks u sir. Very useful for knowledge point n so on.
AI निश्चित रूप से समय की मांग है तथा आने वाले समय में व्रिहत उपयोगी साबित होगा।जैसा कि हम जानते हैं कि हर चीज के दो पहलू होते हैं, सकारात्मक एवं नकारात्मक।निश्चित रूप से AI का भी दोनो पहलुओं पर विचार करने की जरूरत है क्योंकि आज के समय में आदमी का महत्व के वनिस्पत महत्व कम होने को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है एवं भारत जैसे गरीब देश में आदमी को रोजगार के पहलुओं पर विस्तृत चर्चा करने के उपरांत ही AI का प्रयोग उचित होगा।हालांकि AI का कुछ खास जगह उपयोग निहायत जरूरी है।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर आदित्य अशोक का लेख बहुत सारगर्भित व रोचक लगा ।आज के समय में यह बहुत
प्रासंगिक विषय है ।आदित्य को बहुत बहुत शुभकामनाएं ।
Article on Artificial Intelligence is very informative useful. Very few people in India are aware about AI. Manish Mukul, Pune
Article on Artificial Intelligence is very very informative and knowledgeworthy.