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नयन जल से मैं पखारूँ पाँव तेरे
कर कृपा मुझ पर कृपालु देव मेरे ।
हे परमात्मा , मैं आप को फल फूल , रूपया पैसा कया अर्पण करूँ । सब कुछ तेरा ही तो है । मेरा तो कुछ भी नहीं है । तुम देवनह्रार हो , हर पल दिए जाते हो और मैं लिए जाता हूँ । आप का धन्यवाद कैसे करूँ । कृतज्ञता से मेरा ह्रदय भरा हुआ है और नयनों से आप का आभार व्यक्त करते अश्रु ।

https://youtu.be/s-MbMpPuX7w

 

मैं अपने नयनों के आँसुओं से आप की चरण वंदना करता हूँ ।
हे दीनानाथ , हे दया के सागर , हे माधव , हे गोबिंद आप से प्रार्थना है कि मुझ पर अपनी कृपा की , अपनी दया की वर्षा हमेशा करते रहें ।

 

राजीव जायसवाल CA, Delhi

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