5 जनवरी 2016 शाम का समय था. तभी खबर आई कि मुंबई में एक लड़के ने अकेले ही एक पारी में 1000 से ज्यादा रन बना दिए. काफी हैरानी हुई कि ऐसा कैसे हो सकता है. ऐसा भी लगा कि शायद किसी ने देखने या सुनने में कुछ गड़बड़ तो नहीं कर दी. लेकिन सच था कि प्रणव धनावड़े (Pranav Dhanawade) नाम के 15 साल के लड़के ने स्कूली टूर्नामेंट एचटी भंडारी कप में नाबाद 1009 रन कूट दिए थे. उन्होंने महज़ 327 गेंदों में यह कमाल किया था. आज से ठीक पांच साल पहले 1000 रन की वह पारी खेली गई. श्रीमति केसी गांधी स्कूल की ओर से खेलते हुए प्रणव ने 129 चौके और 59 छक्के लगाए थे. उन्होंने बैटिंग में पहले दिन 652 रन बनाए.

फिर दूसरे दिन स्कोर को 1000 के पार पहुंचा दिया.

इसके बाद उनकी टीम ने तीन विकेट पर 1465 रन के स्कोर पर पारी घोषित कर दी.

इस मैच को प्रणव की टीम ने एक पारी और 1382 रन से जीता था. क्योंकि विपक्षी टीम आर्या गुरुकुल 31 और 52 रन पर ऑल आउट हो गई थी. प्रणव को मैदान से भी अच्छा सहयोग मिला. सामने की बाउंड्री काफी छोटी थी. प्रणव ने इसका पूरा फायदा उठाया और वहीं पर रन बनाए. प्रणव ने एक पारी में सबसे ज्यादा रन बनाने का 117 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा. उनसे पहले इंग्लैंड के आर्थर एडवर्ड जेम्स कॉलिंस ने नाबाद 628 रन की पारी खेली थी. उन्होंने भी अपनी स्कूल की ओर से खेलते हुए 1899 में यह कारनामा किया था.

प्रणव धनावड़े के मैच की स्कोरशीट.

धोनी-सचिन ने दी शाबाशी

जब प्रणव रिकॉर्ड बना रहे थे तब उनके पिता मुंबई के कल्याण इलाके में ऑटो लेकर गए हुए थे. उन्हें उनके एक दोस्त ने फोन कर बताया कि उनका बेटा रिकॉर्ड बनाने जा रहा है. तब प्रशांत धनावड़े अपने बेटे की बैटिंग देखने के लिए पहुंचे. प्रणव को उनकी पारी के लिए सचिन तेंदुलकर और महेंद्र सिंह धोनी जैसे सितारों से शाबाशी मिली. वहीं उस समय दक्षिण अफ्रीका-इंग्लैंड टेस्ट में कमेंट्री कर रहे माइक आथर्टन ने भी प्रणव की बैटिंग के बारे में जिक्र किया. इस प्रदर्शन के बाद मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन ने हर महीने प्रणव को 10 हजार रुपये की स्कॉलरशिप देने का ऐलान किया था. यह स्कॉलरशिप पांच साल के लिए दी जानी थी.

जब अर्जुन तेंदुलकर को लेकर बवाल मचा

1000 रन की पारी खेलने के बाद प्रणव के लिए जीवन पहले से मुश्किल हो गया. उन्हें पहचान तो मिल गई लेकिन उम्मीदों का बोझ भी भारी हो गया. सब उनसे 1000 रन जैसी पारी की चाह रखने लगे. वे न तो मुंबई अंडर 19 और न ही इंडिया अंडर 19 टीम में जगह बना सके. बीच में अर्जुन तेंदुलकर के साथ तुलना को लेकर वे चर्चाओं में आए. दरअसल सोशल मीडिया पर साल 2016 के मध्य में ऐसी चर्चा चली कि सचिन के चलते उनके बेटे अर्जुन को वेस्ट जोन अंडर 16 टीम में लिया गया और प्रणव की अनदेखी की गई. लेकिन सच्चाई इससे अलग थी.

प्रणव धनावड़े की पारी को सीबीएसई के पाठ्यक्रम में भी शामिल किया गया था.

दरअसल वेस्ट जोन की टीम में खेलने से पहले किसी भी खिलाड़ी को राज्य की टीम में जगह बनानी होती है. प्रणव ने जो पारी खेली थी उससे पहले ही टीम का चयन हो चुका था. साथ ही प्रणव मुंबई अंडर 16 टीम में खेले भी नहीं थे. तो उनका चयन होना ही नहीं था.

क्रिकेट छोड़ने की खबर आई

बाद में दिलीप वेंगसरकर ने प्रणव को क्रिकेट ट्यूर पर इंग्लैंड भी भेजा था. लेकिन वे फिर कभी स्कूली क्रिकेट जैसे प्रदर्शन को नहीं दोहरा पाए. बीच में खबरें आई कि उन्होंने क्रिकेट छोड़ दिया. लेकिन पता चला कि यह सच नहीं है. उनके कोचिंग लेने की खबर भी आई. लेकिन एक बात तो तय रही कि प्रणव 1009 रन की अपनी पारी की उम्मीदों के तले दब गए.

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