ज्योतिष  शास्त्र “सप्तम अध्याय”

अशोक कुमार चौधरी

जानिए नवग्रहों का क्या होता है असर

ग्रहों की दुनिया निराली होती है। ज्योतिष शास्त्र कहता है कि ग्रहों का असर हमारे जीवन, सेहत और मन पर होता है। आइए डालते हैं एक नजर…

 

सूर्य:- सूर्य ग्रह का असर शरीर में पेट, आंखें, दिल, चेहरे और हड्डियों पर होता है। सूर्य के अशुभ प्रभाव से सिरदर्द, बुखार और दिल की बीमारियां होती हैं। इसके शुभ प्रभाव से आत्मविश्वास बढ़ता है। सम्मान और प्रसिद्धि मिलती है। इस ग्रह के प्रभाव से जॉब और बिजनेस में तरक्की भी मिलती है।

चंद्र:- चंद्रमा का घटता-बढ़ता आकार जिस प्रकार समुद्र में ज्वार भाटा का कारण बनता है उसी प्रकार कुंड़ली में भी इसका कम प्रभाव (शुभता / अशुभता) मनुष्य के जीवन में भी ज्वार भाटा जैसा होता है। चंद्र हमारे मन से जुड़ा ग्रह है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में चंद्र शुभ हो तो वह शांत प्रवृत्ति का मालिक होता है। उसका चित्त कभी विचलित नहीं होता वो कठिन परिस्थितियों में भी अच्छा व्यवहार करता है। जातक जल से संबंधित व्यापार करता है, जैसे- सिचाई, फल, सब्जिंया, मछली, नौ सेना, मोती, कपूर, फूल, नर्सरी, व रसों से जुडा कारोबार इसके अधिकार क्षेत्र में आता है।

अशोक कुमार चौधरी “ज्योतिर्विद”
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और यदि अशुभ या रुष्ट हो तो चंद्रमा के रुष्ट होते ही जो पहला संकेत सामने आता है वो है मानसिक चिंता व परेशानी, ऐसे में जातक खुद को फंसा फंसा महसूस करता है, उसे समझ नहीं आता कि वो अपनी समस्याओं से कैसे बाहर निकलें। वो स्वयं को थका हुआ महसूस करता है। जातक को सर्दी, जुकाम के साथ छाती में बलगम जमना शुरू हो जाता है।

मंगल:- मंगल का असर शारीरिक ऊर्जा, ब्लड प्रेशर, स्वभाव में उत्साह, वीरता और गुस्सा, प्रॉपर्टी, व्हीकल, भाई, दोस्त, धातुओं में तांबे और सोने पर होता है। अगर मंगल का शुभ प्रभाव हो तो इन मामलों से जुड़ी परेशानियां होती है। वहीं शुभ प्रभाव से फायदा मिलता है।

बुध:- बुध ग्रह के शुभ प्रभाव से शिक्षा, गणित, लेन-देन, निवेश और बिजनेस में फायदा मिलता है। इसके प्रभाव से फायदेमंद योजनाएं बनती हैं। इसके साथ ही शरीर में बुध का असर स्किन और आवाज पर पड़ता है। बुध के शुभ प्रभाव से इंसान चतुर बनता है। बुध के अशुभ प्रभाव से इन्हीं मामलों में नुकसान होता है।

गुरु:- ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह को सेहत, मोटापा, चर्बी और ज्ञान का कारक ग्रह माना जाता है। इसका प्रभाव शिक्षक, बड़े भाई, कीमती रत्न और धार्मिक जगहों पर होता है। इस ग्रह का शुभ-अशुभ प्रभाव नौकरी और बिजनेस पर भी पड़ता है।

शुक्र:- शुक्र ग्रह का प्रभाव इनकम, खर्चा, शारीरिक सुख-सुविधाएं, शौक और भोग-विलास पर होता है। इस ग्रह के कारण विवाह, पत्नी, अपोजिट जेंडर और यौन सुख संबंधी मामलों में शुभ-अशुभ बदलाव देखने को मिलते हैं। शरीर में शुक्र का प्रभाव प्राइवेट पार्ट्स पर पड़ता है। इसके अशुभ प्रभाव से खांसी और कमर के हिस्सों में बीमारी होती है।

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शनि:- शनि के शुभ प्रभाव से न्याय मिलता है। नौकरी और बिजनेस में तरक्की मिलती है। कर्जा खत्म होता है। विवादों में जीत मिलती है और उम्र बढ़ती है। इसके साथ ही हड्डी और पैरों से जुड़ी शारीरिक परेशानी भी खत्म होती है। शनि के अशुभ प्रभाव से दुख बढ़ता है। दुश्मन परेशानी करते हैं। सेहत खराब होती है। कामकाज में रुकावटें आने लगती हैं। सामाना चोरी हो जाता है। दुर्घटनाएं होती हैं और हड्डी के चोट लगती है। कानूनी मामले भी उलझने लगते हैं।

राहु:- राहु के शुभ प्रभाव से नौकरी और बिजनेस में किस्मत का साथ मिलता है। मनचाहा ट्रांसफर मिलता है। योजनाएं सफल होती हैं। कंफ्यूजन दूर होता है। राजनीति और जरूरी कामों में किस्मत का साथ मिलता है। इसके अशुभ प्रभाव से दिमागी उलझनें बढ़ती हैं। इंसान धोखे और झूठ का सहारा लेता है। अधर्मी हो जाता है। कूटनीति का शिकार होता है। नशा और चोरी करने लगता है। परेशानियां बढ़ती हैं।

केतु:- केतु के शुभ प्रभाव से नौकरी और बिजनेस में योजनाएं पूरी होती हैं। हर तरफ से मदद मिलती है। इंसान धर्म और आध्यात्म की झुकता है। इस ग्रह से पैर मजबूत होते हैं और शारीरिक परेशानियां दूर होती हैं। केतु के अशुभ प्रभाव के कारण विवाद बढ़ते हैं। लगातार डर बना रहता है। पैर, कान, रीढ़ की हड्डी, घुटने, जोड़ों के दर्द और किडनी संबंधी बीमारियां होती है। जहरीले जीव और जंगली जानवरों से नुकसान होता है।

अशोक कुमार चौधरी “ज्योतिर्विद”
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