राजस्थान, केरल और मध्य प्रदेश के बाद हिमाचल प्रदेश में भी बर्ड फ्लू के मामले सामने आए हैं. अधिकारियों ने हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के पोंग बांध झील क्षेत्र में मृत पाए गए कुछ प्रवासी पक्षियों में ‘बर्ड फ्लू’ की पुष्टि की है. बर्ड फ्लू काफी संक्रामक बीमारी है और एच5एन1 वायरस के कारण पक्षियों के श्वसन तंत्र पर इसका असर पड़ता है.

इंसान भी इससे संक्रमित हो सकते हैं. हिमाचल प्रदेश में पोंग बांध झील अभयारण्य में अब तक करीब 1800 प्रवासी पक्षी मृत पाए गए हैं. हिमाचल प्रदेश में प्रशासन ने लोगों से सावधान रहने को कहा है और निर्देश दिया है कि इम्युनिटी बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक काढ़े का इस्तेमाल कर सकते हैं.
हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार को एच5 एन1 फ्लू को रोकने के लिए कांगड़ा जिले में ब्लॉक स्तर पर दवाइयों की सप्लाई की. यहां के आयुर्वेद विभाग ने लोगों को इम्युनिटी बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक काढ़ा पीने की सलाह दी है. घरेलू नुस्खे से काढ़ा बनाने का निर्देश दिया जा रहा है. इस काढ़े में तुलसी, लौंग, काली मिर्च और आंवले का इस्तेमाल कर लोग अपनी इम्युनिटी बढ़ा सकते हैं.

काढ़ा पीने की सलाह

कोरोना संक्रमण को मात देने के लिए लोगों ने काढ़े का खूब इस्तेमाल किया है. लोग अब भी कर रहे हैं क्योंकि कोरोना का अभी पूरी तरह खात्मा नहीं हो पाया है. कोरोना के बीच ही बर्ड फ्लू का खतरा सामने आया है, इसलिए उससे बचने के लिए काढ़ा पीने और विटामीन सी लेने की सलाह दी जा रही है. कोरोना की तरह बर्ड फ्लू भी वायरस जनित बीमारी है जिसका कोई कारगर इलाज नहीं. बर्ड फ्लू के लक्षण भी कोरोना की तरह मिलते जुलते हैं जिसमें सर्दी-जुकाम आम बात है. इसलिए कोरोना के खिलाफ हम जिस बचाव विधि का इस्तेमाल करते हैं, ठीक वैसे ही बर्ड फ्लू में भी कर सकते हैं. इसमें सबसे प्रमुख है काढ़ा पीना.

खा सकते हैं अंडे या चिकन?

यह बीमारी पक्षियों से फैलता है, इसलिए सवाल है कि क्या अंडे और चिकन खा सकते हैं? कुछ राज्यों में इसके सेवन से बचने की बात कही गई है क्योंकि अंडे और चिकन से आप भी इस संक्रमण के शिकार हो सकते हैं. कोरोना महामारी के बीच यह गंभीर बीमारी किसी बड़े खतरे को आमंत्रण दे सकती है. इसलिए फिलहाल अंडे या चिकन से जुड़े खाद्य पदार्थों से बचने की सलाह दी जा रही है.

हालांकि अंडा या चिकन पूरी तरह पका हो तो बर्ड फ्लू का खतरा न के बराबर है. लेकिन अधपका अंडा या चिकन इंसानों में बर्ड फ्लू फैला सकता है, इसलिए इसे खाने से बचने की सलाह दी जाती है. रिसर्च में पता चला है कि बर्ड फ्लू से संक्रमित अंडे या चिकन को अगर सही ढंग से पका दिया जाए तो बर्ड फ्लू का वायरस मर जाता है. अंडे या चिकन छूने के बाद गुनगुने पानी और साबुन से हाथ को धोने की सलाह दी जाती है.

सफाई का खास खयाल जरूरी

कम से कम 20 सेकंड तक हाथ को साबुन-पानी से धोना है. जिस बर्तन में अंडे को उबाला गया या चिकन बनाया गया, उसे भी अच्छी तरह धोया जाना चाहिए ताकि आगे संक्रमण नहीं फैले. संक्रमण से बचने के लिए अंडे को तब तक उबाला जाए तब तक सफेदी और योक पूरा फर्म ने हो जाए. जिस पानी में उबाला जाए, उसका थर्मोमीटर से तापमान मापने की भी सलाह दी जाती है. 165 डिग्री के तापमान पर अंडे को बॉयल किया जाना चाहिए.

उधर केंद्र सरकार ने राज्‍यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कहा है कि बर्ड फ्लू को फैलने से रोकने के लिए तत्‍काल हर संभव कदम उठाएं. हिमाचल प्रदेश, राजस्‍थान, केरल और कुछ अन्‍य राज्‍यों में बड़ी संख्‍या में पक्षियों की मौत होने के बाद यह कदम उठाया गया है. केंद्र ने चेतावनी दी है कि यह फ्लू मनुष्‍यों और अन्‍य पालतू पशु पक्षियों में फैल सकता है. पर्यावरण मंत्रालय ने राज्‍यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कहा है कि इस बीमारी के लक्षणों पर नजर रखने के लिए पक्षियों पर निगरानी रखी जाए. राजस्थान, केरल और मध्य प्रदेश के बाद हिमाचल प्रदेश में भी बर्ड फ्लू के मामले सामने के बाद केंद्र सरकार ने चेतावनी जारी की है.

क्या है हिमाचल प्रदेश में स्थिति

कांगड़ा के जिलाधिकारी राकेश प्रजापति ने जिले के फतेहपुर, देहरा, जवाली और इंदौरा उप मंडल में मुर्गी, बत्तख, हर प्रजाति की मछली और उससे संबंधित उत्पादों जैसे अंडे, मांस, चि​कन आदि की ब्रिकी पर प्रतिबंध लगा दिया है. हिमाचल प्रदेश के पोंग बांध वन्यजीव अभयारण्य में वन्यजीव कर्मियों ने पिछले सोमवार को फतेहपुर में सबसे पहले चार पक्षियों के मृत मिलने की सूचना दी थी. इसके बाद कुछ अन्य क्षेत्रों से भी मामले सामने आए. पिछले साल जनवरी के अंत तक एक लाख से ज्यादा प्रवासी पक्षी यहां आए थे और इस साल अब तक 50,000 से ज्यादा पक्षी पहुंच चुके हैं.

केरल में मारे जा रहे घरेलू पक्षी

केरल के कोट्टायम और अलप्पुझा जिलों के कुछ हिस्सों में बर्ड फ्लू फैलने की जानकारी सामने आई है, जिसके चलते प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में और उसके आसपास एक किलोमीटर के दायरे में बत्तख, मुर्गियों और अन्य घरेलू पक्षियों को मारने का आदेश दिया है. एच5एन8 वायरस के प्रसार की रोकथाम के लिए करीब 40,000 पक्षियों को मारना पड़ेगा. कोट्टायम जिला प्रशासन ने कहा कि नींदूर में एक बत्तख पालन केंद्र में बर्ड फ्लू पाया गया है और वहां करीब 1,500 बत्तख मर चुकी हैं.

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