पश्चिम बंगाल में बीजेपी की भारी बहुमत से विजय तय…

मोदी विरोधी वेबसाइट द वायर के एक्सपर्ट का सबसे बड़ा दावा.

आज जहां पूरे देश में पश्चिम बंगाल के एक्सपर्ट ये दावा कर रहे हैं कि पश्चिम बंगाल में बीजेपी सिर्फ 100 सीटों के अंदर सिमट जाए… वहीं द वायर पर एक एक्सपर्ट डॉ सज्जन कुमार ने ये दावा किया है कि पश्चिम बंगाल में बीजेपी की भारी बहुमत से जीत होने जा रही है.

डॉ सज्जन कुमार ने कई महीनों तक पश्चिम बंगाल की 294 विधानसभा सीटों पर सर्वे के बाद ये बात कही है… उन्होंने इसकी बहुत सारी वजहें भी बताई हैं…

डॉ सज्जन कुमार का कहना है कि पश्चिम बंगाल में ममता भले ही स्ट्रीट फाइटर के तौर पर जानी जाती हैं लेकिन इसके बाद भी उनकी हार होगी क्योंकि पश्चिम बंगाल के समाज में ममता सरकार के राज ये अंदर एक भय का माहौल कायम हो गया है.

करप्शन की वजह से बंगाल के टीएमसी कार्यकर्ताओं ने बड़ी बड़ी गाड़ियां और बड़े बड़े बंगले बना लिये हैं और ये बातें वहां के शेष बंगाली समाज को बहुत चुभ रही हैं.

साल 2018 में पश्चिम बंगाल में पंचायती राज के चुनाव के दौरान जिस तरह की हिंसा हुई वो पश्चिम बंगाल की राजनीति के लिये टर्निंग प्वाइंट था क्योंकि इससे टीएमसी के गुंडों को लेकर पूरे बंगाल में दहशत फैल गई.

 

इसी पंचायती राज इलेक्शन के बाद सीपीएम के वर्कर भारी मात्रा में बीजेपी में शामिल हो गए क्योंकि सीपीएम का नेतृत्व अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को सुरक्षा नहीं दे सका जबकि बीजेपी के अंदर उन्हें अपनी सुरक्षा महसूस हुई.

इससे सीपीएम का कैडर खत्म हुआ और बीजेपी का कैडर बहुत मजबूत हो गया. लेकिन ये बात भी सही है कि कोलकाता के बाद बीजेपी का संगठन टीएमसी की तरह आज भी मजबूत नहीं है.

लेकिन एक्सपर्ट का दावा है कि जब जनता ही ये मन बना चुकी है कि बीजेपी को लेकर आना है तो फिर बीजेपी को संगठन की जरूरत भी नहीं है. एक्सपर्ट का ये भी कहना है कि भले ही डर के मारे बंगाल के लोग बीजेपी की रैलियों में जाने से कतरा रहे हैं लेकिन वो वोट बीजेपी को ही देकर आएँगे.

मुस्लिमों की सरकार होने का लेबल भी चुनाव में ममता को भारी नुक़सान पहुंचा रहा है. मौलानाओं को भत्ता देने से बंगाल के हिंदू समाज में रोष है हालाँकि पहले इस रोष को प्रकट करने के लिए किसी हिंदू वादी पार्टी का माध्यम नहीं था लेकिन अब बीजेपी ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवा दी है. इससे पहले भी डॉ सज्जन कुमार के दावे सही साबित हो चुके हैं.

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