जनसंघ की स्थापना श्यामा प्रसाद मुखर्जी द्वारा 21 अक्टूबर 1951को दिल्ली में की गई थी। 1952 के संसदीय चुनाव में जनसंघ ने दो सीटें जीती थी। तो वहीं आज भाजपा के पास 303 सीटें है.
1951 में गठित जनसंघ से प्रारंभ होकर 6 अप्रैल, 1980 को भारतीय जनता पार्टी की स्थापना हुई। भाजपा आज देश की सबसे बड़ी प्रमुख राजनीतिक पार्टी है। यह संसद और विधानसभाओं में प्रतिनिधित्व के मामले और प्राथमिक सदस्यता के मामले में दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है। भाजपा एक दक्षिणपंथी पार्टी है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के साथ इसके वैचारिक और संगठनात्मक संबंध हैं।

भारतीय जनसंघ की स्थापना अक्टूबर 1951 में डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने की। 1952 में पहले आम चुनाव हुए। इस चुनाव में जनसंघ ने हिस्सा लिया और तीन सीटें जीतीं। जनसंघ का राष्ट्रीय पार्टी के रूप में उदय हुआ।आजादी के पश्चात कांग्रेस का मजबूत विकल्प खड़ा करने के लिए डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने 1951 में भारतीय जनसंघ की स्थापना की थी। लेकिन 1953 में श्यामाप्रसाद मुखर्जी के कश्मीर में बलिदान के बाद उनके इस संकल्प को पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने पूरा किया।

अटल बने सांसद : 1957 के दूसरे लोकसभा चुनाव में जनसंघ को 4 सीटें मिलीं। अटल बिहारी वाजपेयी पहली बार सांसद बने। 1962 में तीसरे लोकसभा चुनाव हुए। इस चुनाव में जनसंघ को बड़ी बढ़त मिली और पार्टी ने 14 सीटों पर जीत दर्ज की। 1967 के लोकसभा चुनाव में जनसंघ ने एक बार फिर बड़ी छलांग लगाई। इस बार पार्टी के 35 सांसद जीतकर आए।

इसके बाद 1969 में अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष चुने गए। 1971 में पांचवीं लोकसभा के चुनाव हुए और भारतीय जनसंघ के 22 सांसद जीतकर आए।

आपातकाल का दौर:

1975 में इंदिरा गांधी के आपातकाल के फैसले के खिलाफ कई लोकतांत्रिक और राष्ट्रवादी राजनीतिक दल एक साथ आ गए। भारतीय जनसंघ और दूसरे कई दलों के इस महागठबंधन को जनता पार्टी का नाम दिया गया।

पहली बार आए सत्ता में :

1977 में छठी लोकसभा के लिए चुनाव हुए। इस चुनाव में कांग्रेस को करारी शिकस्त मिली। जनता पार्टी को 295 सीटें मिलीं। मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री बने। जबकि अटल बिहारी वाजपेयी विदेश मंत्री बने और आडवाणी को सूचना एवं प्रसारण मंत्री की जिम्मेदारी मिली। आंतरिक कलह के चलते 30 महीनों के भीतर ही जनता पार्टी का विघटन हो गया। कई पार्टियों ने समर्थन वापस ले लिया। मोरारजी देसाई ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। जून, 1979 में चौधरी चरण सिंह ने पीएम पद की शपथ ली। कांग्रेस ने चरण सिंह को समर्थन का वादा किया लेकिन सदन में बहुमत साबित करने से पहले ही कांग्रेस मुकर गई। नतीजा ये हुआ कि जनवरी, 1980 में फिर से चुनाव कराए गए।

1980 का आम चुनाव भारतीय जनसंघ ने जनता पार्टी के नाम पर ही लड़ा। जनसंघ के साथ जनता पार्टी को महज 31 सीटों पर जीत मिली। कांग्रेस ने 353 सीटों के साथ सरकार बनाई।

भाजपा का उदय :

सातवीं लोकसभा की करारी हार ने भाजपा को जन्म दिया। 6 अप्रैल 1980 को अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी का गठन किया गया। 1984 के अपने पहले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को महज 2 सीटें मिलीं। 1989 में नौवीं लोकसभा के चुनाव में भाजपा ने अप्रत्याशित बढ़त दर्ज की और 85 सीटें जीतीं। भाजपा ने जनता दल को समर्थन देकर वीपी सिंह की सरकार बनवाई।

राम मंदिर आंदोलन:

1989 में ही भाजपा ने राम मंदिर आंदोलन का समर्थन किया। 1990 में लालकृष्ण आडवाणी ने सोमनाथ से अयोध्या तक रथयात्रा निकाली। 1991 में मुरली मनोहर जोशी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने। आडवाणी की रथयात्रा से देशभर में भाजपा को समर्थन मिला। नतीजा ये हुआ कि 1991 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 120 सीटें जीतीं।

सबसे बड़ी पार्टी बनी भाजपा:

1996 के लोकसभा चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और 161 सीटों पर जीत दर्ज की। अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में भाजपा की केंद्र में सरकार बनी। लेकिन बहुमत न होने के कारण 13 दिनों में ही सरकार गिर गई।

अटल फिर बने प्रधानमंत्री:

1998 में 181 सांसद जीतकर आए। अटल फिर प्रधानमंत्री बने। 13 महीने के अंदर ही यह सरकार भी एक वोट से गिर गई और 1999 में फिर से चुनाव हुए। एक बार फिर अटल बिहारी वाजपेयी देश के पीएम बने। 2004 और 2009 लोकसभा चुनाव में भाजपा को शिकस्त झेलनी पड़ी। 2014 लोकसभा चुनाव से एक साल पहले राजनाथ सिंह को पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया। पार्टी ने नरेंद्र मोदी के नाम पर चुनाव लड़ा और पहली बार केंद्र में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी।

शुरू हुआ अमित शाह एवं मोदी का दौर: 2014 के लोकसभा चुनाव में अमित शाहजी तथा नरेंद्र मोदीजी ने देश की राजनीति में अभूतपूर्व परिवर्तन लाया, अब भारतीय राजनीति की धुरी जो कांग्रेस के इर्द-गिर्द घूमती थी उसका केंद्र भाजपा की ओर मोड़ दिया। अब केंद्र साथ-साथ अधिकांश राज्यों में भाजपा या भाजपा के नेतृत्व में गठित राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन की सरकार का गठन हो चूका है।

About Author: 37 वर्षों तक ग्रामीण बैंक में सेवा उपरान्त वरीय प्रबंधक पद से सेवानिवृत हैं विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े रहने के अतरिक्त भारतीय मज़दूर संघ में जिला स्तर से प्रदेश स्तर के विभिन्न नेतृत्व पदों का निर्वहन के साथ B.M.S. से सम्बद्ध All India Gramin Bank Officers’ Organisation में राष्ट्रीय सचिव का दायित्व निर्वहन किया है. भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा नियुक्त Chairman (Regional Advisory Committee)  Dattopant Thengari National Board for Workers’ Education and Development भी रहा है.

 

 

One thought on “दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी, जनसंघ से भाजपा तक की यात्रा गाथा : अशोक चौधरी”
  1. *भारतीय जनता पार्टी के बारे जानिये* 👇

    *पार्टी की स्थापना*:– 6 अप्रैल 1980
    *पार्टी का चुनाव चिन्ह*:– कमल का फूल
    *भाजपा के प्रथम राष्ट्रीय अध्यक्ष*– अटल बिहारी वाजपेयी
    *भाजपा के वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष*:– जगत प्रकाश नड्डा

    *भाजपा के मूल सिद्धांत* ;
    1. एकात्म मानववाद
    2. राष्ट्रवाद (हिंदुत्व)
    3. लोकतंत्र (आंतरिक)
    4. राष्ट्रीय अखंडता
    5. मूल्याधारित अर्थनीति

    *पार्टी की वर्तमान स्थिति*
    १. 12 करोड़ सदस्यों के साथ विश्व का सबसे बड़ा राजनीतिक दल,
    २. केंद्र में अपनी सरकार,
    ३. 20 राज्यों में अपनी या मिली जुली सरकार,
    ४. 303 सांसद,
    ५. देश भर में 1000 से अधिक विधायक,

    यूं तो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की स्थापना साल 1980 में हुई थी, लेकिन इसके मूल में श्यामाप्रसाद मुखर्जी के नेतृत्व में 1951 में निर्मित भारतीय जनसंघ ही है। जिसके पहले महामंत्री पo दीनदयाल उपाध्याय की मूल अवधारणा अंत्योदय, प्रखर राष्ट्रवाद के सिद्धांतों के साथ निरन्तर आगे बढ़ रही है ।
    *भाजपा*:–
    देश का एकमात्र लोकतांत्रिक प्रक्रिया का पालन करने वाला, जनमानस को साथ ले, कार्यकर्ता आधरित, समर्पित कैडर बेस, राजनीतिक संगठन है।
    *इसके मूल में 1925 में डॉ हेडगेवार जी द्वारा गठित हिंदुत्त्ववादी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) है।*
    इसके संस्थापक अध्यक्ष अटल बिहारी वाजपेयी रहे, तब से लेकर अब तक राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उनकी कार्यावधि इस प्रकार है:–
    *क्र० अध्यक्ष कार्यकाल*
    1.अटल बिहारी वाजपेयी (1980 से 1986)
    2. लाल कृष्ण आडवाणी (1986 से 1991)
    3. मुरली मनोहर जोशी (1991 से 1993)
    4. लाल कृष्ण आडवाणी (1993 से 1998)
    5. कुशाभाऊ ठाकरे (1998 से 2000)
    6. बंगारू लक्ष्मण (2000 से 2001)
    7. जना कृष्णमूर्ति (2001 से 2002)
    8. वेंकैया नायडू (2002 से 2004)
    9. लाल कृष्ण आडवाणी (2004 से 2005)
    10. राजनाथ सिंह (2005 से 2009)
    11. नितिन गडकरी (2009 से 2013)
    12. राजनाथ सिंह (2013 से 2014)
    13. अमित शाह (2014 से 20)
    14. जगत प्रकाश नड्डा (2020 से……)

    40 साल पहले भाजपा की स्थापना हुई, तब किसी ने सोचा भी नही होगा, कि पार्टी शोहरत और कामयाबी के इस मुकाम पर पहुंचेगी ।
    *जनसंघ से भाजपा तक ।*
    *अटल युग से मोदी युग ।*
    *3 सांसदों से 303 सांसद तक*
    *वर्ष* *सांसद* *दल* *लोकसभा*
    1952 3 जनसंघ पहली
    1957 4 जनसंघ दूसरी
    1962 14 जनसंघ तीसरी
    1967 35 जनसंघ चौथी
    1971 21 जनसंघ पांचवीं
    1977 में जनसंघ का जनता पार्टी में विलय हो गया
    1977 छटी
    1980 सातवीं
    1980 में भाजपा स्थापना उपरांत !
    1984 02 भाजपा आठवीं
    1989 86 भाजपा नोंवी
    1991 119 भाजपा दसवीं
    1996 161 भाजपा ग्यारहवीं
    1998 182 भाजपा बारहवीं
    1999 182 भाजपा तेहरवीं
    2004 138 भाजपा चौदहवीं
    2009 116 भाजपा पंद्रहवी
    2014 282 भाजपा सोलहवीं
    2019 303 भाजपा सत्रहवीं

    *पार्टी विद्व ए डिफरेंस*

    *जब यह बात कही जाती है कि भारतीय जनता पार्टी दूसरी राजनीतिक पार्टियों से भिन्न एक विशेष विचारधारा वाली पार्टी है, तो यह बात केवल कहने भर की नहीं है ।*
    *वास्तव में भाजपा केवल एक राजनीतिक पार्टी ही नहीं एक सतत चिन्तन वाली विचारधारा, समर्पित कैडर, विशेष कार्यशैली, जनलोक- कल्याणकारी नीतियां इसका मुख्य आधार संतभ है ।*
    *यदि हम भाजपा की तुलना अन्य पार्टियों से करें, तो हम पाएंगे कि वास्तव में भारतीय जनता पार्टी ही केवल एक ऐसी राजनीतिक पार्टी है, जो मर्यादित राजनीतिक पार्टी के रूप में हर कसौटी पर खरी उतरती है ।*
    *जहां देश की अधिकतर राजनीतिक पार्टियां कुनबा परस्ती, भाई-भतीजावाद व वंशवाद की पोशक बन कर रही गई हैं और सत्ता प्राप्ति ही उनका केवल एक मात्र लक्ष्य बन कर रह गया है।*
    *आज जहां भारतीय राजनीति भ्रष्टाचार, अत्याचार, जातीय संघर्ष, वर्ग संघर्ष, सम्प्रदाय संघर्ष, धनतंत्र, बलतंत्र, अपराध तंत्र एवं अनुशासन हीनता की शिकार बन गई है ।*
    *वहीं भारतीय जनता पार्टी अपने समर्पित कैडर और वरिष्ठ विचारधारा के आधार पर निरंतर आगे बढ़ती जा रही है।*
    *देश भर में ऐसे हजारों समर्पित कार्यकर्ता हैं, जो जीवन भर अविवाहित रह कर घर-परिवार व ऐश्वर्यापूर्ण जीवन का त्याग करके एक सन्यासी की भांति इस पार्टी के माध्यम से राष्ट्र को एक मां के रूप में स्वीकार करते हुए यह सोच रखते हैं, कि सभी भारतवासी उसके पुत्र हैं व भारत माता के रूप में इसका वंदन भी करते है।*
    *पार्टी का चाल-चरित्र और चेहरा दूसरी पार्टियों से बिल्कुल भिन्न है, भारतीय सांस्कृतिक राष्ट्रवाद इसका मूलमंत्र है।*
    *हमारा देश सुरक्षा की दृष्टि से आत्मनिर्भर और पूर्ण शक्तिशाली राष्ट्र बने, परमाणु नीति और कार्यक्रम इसी सोच का प्रमाण है।*
    *हमारा राष्ट्र विश्व में अध्यात्मिक गुरू रहा है, वही स्थान और प्रतिष्ठा भारत की पुनः स्थापित हो, ऐसा चिंतन इस पार्टी का है ।*
    *हमारा राष्ट्र अतीत में सोने की चिडि़या कहा जाता था, इसी के अनुरूप भाजपा परम वैभवशाली राष्ट्र का सपना संजोये हुऐ है।*
    *पार्टी चाहती है कि भारत एक सुख-समृद्धिशाली राष्ट्र बने।*
    *भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों में पार्टी की गहन आस्था और विश्वास है।*
    *इन मूल्यों को किसी प्रकार की ठेस ना पहुंचे, ऐसा प्रयास भारतीय जनता पार्टी का रहता है।*
    *समाज का सभी वर्गों का हित हो, किसी भी एक वर्ग का तुष्टिकरण व वोट बैंक की राजनीति पार्टी को कतई स्वीकार नहीं है।*
    *समाज के अति वंचित वर्ग का उत्थान पार्टी का मुख्य उद्धेश्य है ।*
    *अंतयोदय का सूत्र लेकर पार्टी इसे क्रिर्यान्वित करने में लगी हुई है।*
    *धर्म जाति के नाम पर भेदभाव पार्टी को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं है।*
    *आओ हम सब मिल कर गौरवशाली, परम वैभवशाली, शोषणमुक्त, संमतायुक्त, सुसांस्कृतिक, सुसंगठित एवं कल्याणकारी राष्ट्र व समाज का पुननिर्माण करें।*
    *भारत माता की जय।*
    *जय भाजपा ।।*
    *जय हिन्द 🇮🇳 वन्दे मातरम्*🚩🙏

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