1 फरवरी 2021 को पेश होने वाले बजट में सरकार का मुख्य फोकस अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए रहेगा. सरकार ने पिछले दिनों आत्मनिर्भर भारत का एलान किया था. अब उसे सही से अमलीजामा पहनाने के लिए बजट में बड़ी घोषणाएं हो सकती हैं. सरकार आत्मनिर्भर भारत पैकेज के जरिए देश में इंफ्रास्ट्रक्चर गतिविधियों को जहां बढ़ाने पर फोकस कर सकती है. वहीं इससे निर्यात को बढ़ावा देना, कारोबार के लिए और सुविधाएं, ज्यादा से ज्यादा रोजगार पैदा कर मांग बढ़ाने का भी लक्ष्य होगा. इसका सीधा असर बाजार पर भी दिखेगा.

बाजार को सीधे तौर पर होगा फायदा:

पिछले साल सरकार ने कोरोना वायरस महामारी से अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए 20 लाख करोड़ के भारी भरकम राहत पैकेज का एलान किया था. अब इस योजना को सही से अमलीजामा पहनाने का समय आ गया है. बजट इसके लिए बिल्कुल सही प्लेटफॉर्म है. ऐसे में बजट में आत्मनिर्भर भारत को लेकर कुछ बड़े एलान संभव है. पैकेज से देश के इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को फायदा होगा. वहीं सरकार इसके द्वारा ग्रामीण आय बढ़ाने पर फोकस कर सकती है. साथ ही रोजगार देकर मांग को बढ़ाने की कोशिश होगी. इससे घरेलू कंपनियों को ही नहीं एमएसएमई को भी फायदा मिलेगा. ग्रामीण आय और उपभोग बढ़ने से भी कंपनियों की आय बढ़ेगी. फिलहाल बजट में आत्मनिर्भर भारत पर एलान बाजार को नई दिशा दे सकते हैं.

आत्मनिर्भर भारत के बड़े उद्देश्य:

मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को बूस्ट देना, किसानों का आत्मनिर्भर बनाना, उर्वरक सब्सिडी के जरिए किसानों की आय बढ़ाना, कर्मचारी और रोजगार देने वाले दोनों
को ही प्रोत्साहन, बाजार में लिक्विडिटी बढ़ाना, गरीबों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार उपलब्ध कराना, निर्यात को बढ़ावा देना, बिजनेस के लिए बेहतर माहौल बनाना, एमएसएमई को प्रोत्साहन.

यह घोषणा भी होगा बूस्टर डोज:

बैंकिंग सिस्टम को सपोर्ट: बजट में बैंकिंग सिस्टम को सपोर्ट मिल सकता है. पिछले दिनों बैंकों में एनपीए बड़ी समस्या रही है. बैंकिंग सेक्टर जो लंबे समय से अंडरपरफॉर्मर रहा है, सरकार की प्राथमिकता में हो सकता है. अगर बैंकिंग सिस्टम को सपोट्र मिलता है तो इस सेक्टर में 2021 में सबसे ज्यादा तेजी की उम्मीद है.

दबाव वाले सेक्टर्स को राहत पैकेज: कोरोना वायरस महामारी के चलते कई सेक्टर्स की कमर टूट गई है. कई सेक्टर्स अब भी इसका दबाव तरह झेल रहे हैं. इनमें एविएशन, टूर एंड टूरिज्म और सर्विसेज सेक्टर प्रमुखता से शामिल हैं. बजट में सरकार इन सेक्टर्स को राहत दे सकती है.

ग्रामीण अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए बजट में रूरल सेक्टर, इंफ्रास्ट्रक्चर और एग्रीकल्चर सेक्टर पर सरकार खर्च बढ़ाने का भी एलान कर सकती है. इसके अलावा विनिवेश प्लान पर भी एलान संभव है.

टैक्स में राहत: बजट में इस बार सरकार भले ही डिविडेंड पर टैक्स या एलटीसीजी से राहत न दे, लेकिन कोरोना वायरस महामारी से राहत देने के लिए कोई नया टैक्स नहीं लाना चाहेगी. हालांकि टैक्स पर अगर राहत मिलती है तो बाजार में लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए पॉजिटिव होगा.

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