राज्य के शहरों में यातायात को सुगम बनाने के लिए अगले पांच सालों में 120 बाइपास बनाये जायेंगे. 4154 करोड़ रुपये से बनने वाले 31 बाइपास नेशनल हाइवे पर और बाकी 89 स्टेट हाइवे व अन्य सड़कों पर बनाये जायेंगे.
इनकी कुल लंबाई 708 किमी होगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को शहरों में यातायात को सुगम बनाने के लिए खासतौर पर पहल करने का निर्देश अधिकारियों को दिया है।
उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर एलिवेटेड सड़कें भी बनायी जाएं. बिहार के शहरों में यातायात वयवस्था को सुधारने के लिए 120 बाइपास बनाये जाने से जुड़ी हर Breaking News in Hindi से अपडेट के लिए बने रहें हमारे साथ.
शहरों में बाइपास और फ्लाइओवर के निर्माण के लिए अगले दो सालों में कार्ययोजना बनाने और इसके अगले तीन साल में तेजी से इस पर काम करने को कहा.
सचिवालय स्थित संवाद सभाकक्ष में आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय-2 (2020-25) के अंतर्गत सुशासन के कार्यक्रम सुलभ संपर्कता योजना की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने पटना से सटे दानापुर कैंट का बाइपास और जेपी सेतु के समानांतर चार लेन के पुल बनाने की दिशा में तेजी से काम करने का निर्देश दिया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पथों का रखरखाव विभाग के माध्यम से ही हो. विभाग के इंजीनियरिंग विंग के लोग इस कार्य को बेहतर ढंग से करेंगे, जिससे सड़कों की गुणवत्ता बनी रहेगी. स्मूथ ट्रैफिक, लोगों की सुरक्षा और हित को ध्यान में रखते हुए रेलवे लाइनों पर रोड ओवरब्रिज के निर्माण कार्य तेजी से कराया जाये.
बैठक के दौरान पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने ‘सुलभ संपर्कता योजना’ से संबंधित एक प्रस्तुतीकरण दिया. इसमें शहरी क्षेत्रों में आवश्यकतानुसार बाइपास या फ्लाइओवरों के निर्माण के संबंध में विस्तृत जानकारी दी.
सभी 38 जिलों में सड़कवार अध्ययन कर जाम लगने वाले स्थानों का चयन, जिलावार अनुशंसित बाइपासों की संख्या और उनकी कुल लंबाई के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गयी.
इस दौरान यह जानकारी दी गयी कि ग्रामीण कार्य विभाग और नगर निकायों के वैसे पथों को भी चिह्नित किया गया है, जिन्हें बाइपास के रूप में विकसित किया जा सकेगा.
अमृत लाल मीणा ने पथ निर्माण विभाग से संबंधित प्रस्तावित एम्स-नौबतपुर की सहायक टू-लेन सड़क का निर्माण, ओपीआरएमसी-2 (आउटपुट एंड परफॉर्मेंस बेस्ट रोड एसेट्स मेंटेनेंस कॉन्ट्रैक्ट), रोड ओवरब्रिज, दानापुर कैंट बाइपास और पथ निर्माण विभाग के अन्य कार्यों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी.
बैठक में डिप्टी सीएम रेणु देवी, पथ निर्माण मंत्री मंगल पांडेय, मुख्य सचिव दीपक कुमार, सीएम के प्रधान सचिव चंचल कुमार, बिहार राज्य पथ विकास निगम के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार, सचिव मनीष कुमार वर्मा, बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक जितेंद्र श्रीवास्तव, सीएम के सचिव अनुपम कुमार, गोपाल सिंह समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे.
बाइपास की चौड़ाई सात मीटर से कम नहीं होगी
सीएम ने कहा कि राज्य में सुलभ संपर्कता के लिए शहरी क्षेत्रों में जरूरत के मुताबिक बाइपास और फ्लाईओवर के निर्माण के लिए कार्ययोजना बनाकर तेजी से काम करें. शहर के अंदर भी फ्लाइओवर के निर्माण के लिए आकलन कर उस पर कार्य करें.
उन्होंने कहा कि इससे यातायात सुगम होगा और लोगों को जाम से निजात मिलेगा. साथ ही समय की भी बचत होगी. बाइपास पथों के चयन में इस बात का ध्यान रखें कि भूमि अधिग्रहण कम-से-कम हो.
मुख्यमंत्री को बताया गया कि जाम की समस्या वाले जगहों पर अध्ययन कर बाइपास व एलिवेटेड सड़क निर्माण की योजना बनायी गयी है. पथ निर्माण विभाग ने बताया गया कि जिन जगहों पर ग्रामीण विकास, शहरी विकास व जल संसाधन विभाग की जमीन मौजूद है, उसका उपयोग किया जायेगा. बाकी जगहों पर जमीन का अधिग्रहण होगा।