फ़िंगर-4 को लेकर राहुल का दावा पूरी तरह गलत और भ्रामक है.
पैंगॉन्ग लेक की पूरी सामरिक सरल और आसान भाषा में सिर्फ 2 मिनट के अंदर समझिए
राहुल गांधी ने ये दावा किया है कि मोदी सरकार ने फ़िंगर-3 से फ़िंगर-4 तक की भारत की पवित्र भूमि को छोड़ दिया है. राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री पर बेहद अपमानजनक टिप्पणी करते हुए कहा कि कायर मोदी ने चीन के सामने मत्था टेक दिया है । असल बात क्या है ? आइए… समझते हैं .
पैंगॉन्ग लेक के विवाद वाले इलाके को फ़िंगर 1 से लेकर फ़िंगर 8 तक… फिंगर्स में बाँटा गया है. फिंगर 1 की तरफ वाला इलाका भारत की तरफ आता है और फिंगर 8 की तरफ का इलाका चाइनीज साइड में आता है.
फिंगर एक से 3 तक भारत का कब्जा निर्विविवाद है क्योंकि फिंगर तीन पर भारत की पोस्ट है धन सिंह थापा पोस्ट जबकि चाइनीज साइड की बात करें तो पहले चीन की पोस्ट फिंगर 4 से लेकर फिंगर 8 तक कहीं नहीं थी. चाइनीज की परमानेन्ट पोस्ट फिंगर 8 के पूर्व में सिरीजैप में थी.
लेकिन हुआ ये कि चीन ने बहुत चालाकी से फिंगर -4 तक अपने स्ट्रक्चर और बंकर्स बना लिए थे जिसके बाद भारत और चीन के बीच विवाद शुरू हुआ और सेनाओं के बीच तनाव बढ़ गया.
पहले की स्थिति के मुताबिक फिंगर – 4 से लेकर फिंगर 8 तक का पूरा इलाका पेट्रोलिंग ज़ोन था… यानी दोनों देशों की सेनाएँ यहां पर पेट्रोलिंग यानी चौकसी के लिए मूवमेंट करती थीं और इसी मूवमेंट में कई बार दोनों सेनाएँ आमने सामने आईं और उनके बीच झड़प हुई .
अब भारत और चीन के बीच कमांडर लेवल की बातचीत में जो समझौता हुआ है उसके मुताबिक भारत और चीन की सेनाएँ अपनी अपनी परमानेन्ट पोस्ट पर लौट रही हैं यानी भारत फिंगर 3 पर धन सिंह थापा पोस्ट पर लौट जाएगा और चीन अपनी परमानेन्ट पोस्ट सिरीजैप पर लौट जाएगा.
समझौते के मुताबिक चीन फिंगर 4 से फिंगर 8 तक बनाए गए अपने सारे स्ट्रक्चर्स को भी तोड़ रहा है यानी चीन को काफी ज्यादा कब्जा की हुई भूमि छोड़नी पड रही है चीन पीछे हट रहा है. यही भारत की विजय है कि भारत ने चीन को बातचीत की टेबल पर झुकाया है.
समझौते के मुताबिक़ दोनों देशों की सेनाओं ने फिंगर 4 से फिंगर 8 तक की पेट्रोलिंग अस्थाई रूप से टाल दी है.. अगली कमांडर लेवल की बातचीत के बाद ही पेट्रोलिंग शुरू होगी. यानी फिंगर 4 से फिंगर 8 तक के इलाके में किसी सेना की मूवमेंट फ़िलहाल नहीं होगी.
निष्कर्ष – दोनों देशों की सेनाएँ अपनी परमानेन्ट पोस्ट पर लौटी हैं इसलिए ये कहना कि भारत ने अपनी कोई जमीन छोड़ दी है. ये पूरी तरह गलत होगा. फिंगर 3 तक भारत की परमानेन्ट पोस्ट पहले भी थी और आज भी है. फिंगर-4 पर भारत का दबदबा इसलिए ज्यादा है क्योंकि वो भारत की पोस्ट के करीब है. लेकिन फिंगर 4 पर भारत की कमी पोस्ट पहले भी नहीं थी ये भारत का पेट्रोलिंग प्वाइंट हमेशा से रहा है और जैसे ही दोबारा पेट्रोलिंग शुरू होगी… भारत की सेना यहां दोबारा मूवमेंट शुरू करेगी. वैसे भी संसद में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 11 फरवरी को ही ये स्पष्ट किया है कि चीन द्वारा पूरे लद्दाख पर किया गया कब्जा ही अवैध है. इसलिए भी किसी जमीन को छोड़ देना की बात करना गलत है