क्या BJP-NCP महाराष्ट्र में बनाने वाली है नया गठबंधन ?

यह खबर छपी कि  26 मार्च, को अहमदाबाद में अमित शाह और शरद पवार के बीच अहम मीटिंग हुई. इतने बड़े नेताओं की मीटिंग? वो भी महाराष्ट्र में एक दूसरे की विरोधी पार्टियों के दिग्गजों की मीटिंग? वो भी ऐसे वक्त जब महाराष्ट्र में सियासी संकट छाया हुआ है. दिशा सालियान प्रकरण, सुशांत सिंह राजपूत प्रकरण, पूजा चव्हाण प्रकरण, अंबानी विस्फोटक प्रकरण, मनसुख हिरेन की मौत प्रकरण, हर महीने 100 करोड़ की वसूली प्रकरण, पुलिस विभाग में ट्रांसफर-पोस्टिंग में रिश्वतखोरी और दलाली प्रकरण यानी एक के बाद एक कोई ना कोई प्रकरण खबरों में आया हुआ है.

इन सभी प्रकरणों से अभी महाविकास आघाड़ी सरकार जूझ ही रही थी कि एक नई खबर ने ठाकरे सरकार के लिए सिरदर्दी बढ़ा दी. अगर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल मिले तो किस वास्ते मिले?

रविवार को एक पत्रकार परिषद में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से जब यह पूछा गया कि कल आप अहमदाबाद में थे. कुछ ऐसी रिपोर्टें आ रही हैं कि आपकी एनसीपी सुप्रिमो शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल से मुलाकात हुई, तो तपाक से अमित शाह ने जवाब दिया कि ऐसी बातें सार्वजनिक नहीं की जातीं. अमित शाह के इस जवाब ने सस्पेंस बढ़ा दिया है और ठाकरे सरकार में शामिल शिवसेना और कांग्रेस के लिए चिंता का सबब ला दिया है.

मुलाकात की बात में क्या है खास ?
दरअसल शरद पवार राजस्थान के जयपुर में किसी कार्यक्रम में शामिल हुए थे. वहां से एक दिन पहले ही अहमदाबाद पहुंचे. शरद पवार के साथ उनके अहम सहयोगी और पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रफुल पटेल भी पहुंचे. इसी बीच अमित शाह भी देर शाम तक अहमदाबाद पहुंच गए. बताया जा रहा है कि एक नामी उद्योपति के घर पर इन तीनों की मुलाकात हुई. लोगों की नजरें इस पर लगी हुई हैं कि अगर मुलाकात हुई, तो क्या बात हुई?

एनसीपी नेता और गृहमंत्री अनिल देशमुख का नाम ट्रांसफर पोस्टिंग के रैकेट में और 100 करोड़ हर महीने की वसूली वाले प्रकरण में सामने आया है.

इस पर संजय राऊत ने आज का ‘सामना में अपने ‘रोखठोक’ आर्टिकल में अनिल देशमुख पर सवाल उठा दिया है कि इतना सब कुछ हो रहा था और अनिल देशमुख को पता कैसे नहीं था? इतना ही नहीं उन्होंने एक तरह से स्टेट होम मिनिस्टर का अपमान यह कहते हुए कर दिया कि वे तो एक्सिडेंटल होम मिनिस्टर बने हैं. उन्हें तो बनना ही नहीं था. अब यह बात एनसीपी को नागवार गुजरेगी ही.

शनिवार को कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले ने भी संजय राऊत को यूपीए के अध्यक्ष बनने के लिए शरद पवार का नाम सुझाव के जवाब में काफी कुछ सुनाया था. साथ ही कांग्रेस नेताओं पर टीका-टिप्पणी करने से बाज आने की सलाह दी थी. नाना पटोले ने तो राऊत की शिकायत उद्धव ठाकरे से करने की बात भी कही. साथ ही भिवंडी की सभा में यह भी कहा कि कांग्रेस आगामी सारे स्थानीय चुनाव अपने दम पर लड़ेगी. यानी एक तरफ आघाड़ी सरकार में फूट के संकेत और दूसरी तरफ शरद पवार और अमित शाह से मुलाकात की घटना किसी नई मंजिल का इशारा तो नहीं कर रही ? यह सवाल चर्चा का विषय बना हुआ है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *