ममता ने सहानुभूति का नाटक और पैर में चोट लगने का ड्रामा क्यों किया ?
10 मार्च को ममता बनर्जी ने अपना नामांकन पत्र नंदीग्राम से दायर किया. शाम को ममता बनर्जी ने नंदीग्राम में एक सभा की… भाषण खत्म करके ममता बनर्जी बाहर निकलीं. तभी ममता ने ये आरोप लगा दिया कि चार पांच गाड़ियां जबरदस्ती आईं और उनका पैर कुचल दिया गया जिससे उनके पैर में चोट लग गई और सूजन आ गई. जबकि मौके पर मौजूद लोगों कहना है की ममता को किसी ने धक्का नहीं मारा है बल्कि ड्राइवर गाड़ी को धीरे-धीरे आगे बढ़ा रहा था, गेट खुला था जो सड़क किनारे खम्बे से टकरा गया जिससे ममता दीदी को गेट से चोट लग गयी, मौके पर मौजूद पुलिस कर्मियों ने बगल की दुकान से बर्फ लेकर दीदी के पैर पर पट्टी बांधा उसके पांच मिनट बाद काफिला वहां से निकल गया.
अब ममता ने इशारों ही इशारों में बीजेपी पर आरोप लगा दिया है कि साजिश करके उनको घायल कर दिया गया है..
ममता बनर्जी कलकत्ता जाकर अस्पताल में भर्ती हो गईं, जबकि वो दावा कर रही थीं की उन्हें गंभीर चोट लगी है, उन्हें सीने और पुरे शरीर में दर्द हो रहा है तथा बुखार भी है तब उन्हें नजदीकी अस्पताल क्यों नहीं ले जाया गया, कलकत्ता ही ले जाना था तब हेलीकॉप्टर या एम्बुलेन्स का प्रयोग क्यों नहीं क्या गया.
अब सवाल ये है कि क्या ममता वाकई में घायल हुई हैं या फिर वो कोई नाटक कर रही हैं ?
ममता के आसपास 300 पुलिस वाले सिक्योरिटी में रहते हैं कोई भी अन्य गाड़ी तो उनके काफिले के पास फटक भी नहीं सकती है ऐसे में ममता बनर्जी के दावे पर विश्वास करना काफी मुश्किल है.
दरअसल ममता बनर्जी इस वक्त एक बहुत बड़े राजनीतिक संकट से जूझ रही हैं . ममता बनर्जी एक बहुत सफल राजनेता हैं और वो इस बात को बहुत अच्छी तरह से समझती और जानती हैं कि उनकी सरकार के खिलाफ पूरे स्टेट में एक गुस्से का माहौल है .
गुस्से के माहौल की सबसे बड़ी वजह है साल 2018 में पंचायत चुनाव में हुई हिंसा.
इस हिंसा में पंचायत चुनाव के दौरान 37 प्रतिशत सीटों पर टीएमसी निर्विरोध ही जीत गई थी क्योंकि ममता के कैडर ने अपने विरोधियों के खिलाफ इतना रक्तपात किया कि लोग डर गए थे.
उसके बाद 2019 मे ममता को बीजेपी के हाथों बहुत बड़ा नुकसान उठाना पड़ा पहली बार बीजेपी ने 2019 में 18 लोकसभा सीटें जीत लीं.
बीजेपी को लाभ इसलिए हुआ क्योंकि ममता बनर्जी के कैडर की हिंसा की वजह से पूरे पश्चिम बंगाल मे डर का माहौल मालूम पड़ता है कई विश्लेषक भी ऐसा दावा कर चुके हैं.
इसके अलावा भी आए दिन ममता पर ये आरोप लगते रहते हैं कि वो बीजेपी नेताओं के काफिलों पर अपने कैडर के द्वारा हमले करवाती रहती हैं.
अपनी इसी सब निगेटिव इमेज को ठीक करने के लिए संभवत: ममता बनर्जी ने सहानुभूति हासिल करने का चुनावी प्लान तैयार किया है
अब ममता खुद पर बीजेपी के कैडर के द्वारा हमले की बात कहके अपनी पूरी पार्टी को गंगा स्नान करवाना चाहती हैं.
इसके अलावा भी अब ममता पूरे स्टेट में घूम घूम कर ये प्रचार करेंगी कि जब चुनाव आयोग का राज पश्चिम बंगाल में चल रहा है उस वक्त बीजेपी ने यानी केंद्र ने साजिश करके उन्हें घायल करने की कोशिश की है.
अब ममता बनर्जी की पार्टी ने सारे मुख्य कामर्शियल स्थान किराये पर ले लिए हैं साथ ही अब ममता की अस्पताल जी फोटो,व्हील चेयर पर ममता की फोटो जगह जगह लगाने की तैयारी भी है.
नंदीग्राम में कथित हमले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के घायल होने के बाद तृणमूल कांग्रेस के समर्थक आक्रोशित हो गए हैं. ममता बनर्जी ने पैर में चोट को साजिश का परिणाम बताया है तो टीएमसी और बीजेपी के बीज आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। वहीं, नंदीग्राम, कोलकाता सहित राज्य के कई हिस्सों में सत्ताधारी पार्टी के समर्थक प्रदर्शन में जुट गए हैं.
पश्चिम मेदिनीपुर में बड़ी संख्या में टीएमसी समर्थक सड़कों पर उतर आए और उन्होंने नारेबाजी करते हुए टायर जलाए. वहीं, कोलकाता में तृणमूल छात्र परिषद के सदस्यों ने इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट-ग्रैजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च सेंटर में पोस्टर-बैनर लेकर प्रदर्शन किया. सोशल मीडिया पर भी पार्टी के नेताओं ने कथित हमले की निंदा कर रहे हैं. कई नेताओं ने इसके लिए बीजेपी पर आरोप लगाए हैं.
दिल्ली में केजरी के सफल नाटक को ममता दीदी बंगाल में आजमाना चाहती हैं, लेकिन उनका यह दांव उल्टा परता लग रहा है. .
[…] “नमस्ते Bharat” ने कल ही अपने लेख “”बंगाल चुनाव: ममता का ड्रामा फेल, मौके पर मौजूद ने खोली पोल”” प्रकाशित किया था लिंक संलग्न:http://thenamastebharat.in/mamta-drama/ […]