*विनायक दामोदर सावरकर: स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान और हिंदू जागरण*
विनायक दामोदर सावरकर एक महान क्रांतिकारी, स्वतंत्रता सेनानी और हिंदू राष्ट्रवादी नेता थे। उनका जन्म 28 मई 1883 को महाराष्ट्र के नासिक जिले में हुआ था। सावरकर ने अपने जीवन को भारत की स्वतंत्रता और हिंदू समुदाय के उत्थान के लिए समर्पित कर दिया था।
*स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान*
सावरकर ने अपने क्रांतिकारी जीवन की शुरुआत 1905 में बंगाल विभाजन के विरोध में हुए आंदोलन से की। उन्होंने लंदन में रहते हुए “अभिनव भारत” नामक एक क्रांतिकारी संगठन की स्थापना की। सावरकर ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़ाई लड़ी।
*राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और हिंदू जागरण में भूमिका*
सावरकर हिंदू राष्ट्रवादी विचारधारा के एक प्रमुख नेता थे। उन्होंने हिंदू समुदाय के उत्थान और एकता के लिए काम किया। सावरकर के विचारों ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की विचारधारा को भी प्रभावित किया। आरएसएस के संस्थापक केबी हेडगेवार सावरकर के विचारों से प्रेरित थे।
*लिखित कृतियाँ*
सावरकर एक महान लेखक और कवि भी थे। उनकी कुछ प्रमुख कृतियों में शामिल हैं:
– *1857 का स्वातंत्र्य समर*: यह पुस्तक सावरकर द्वारा लिखी गई एक ऐतिहासिक कृति है, जिसमें उन्होंने 1857 के सिपाही विद्रोह को भारत के पहले स्वतंत्रता संग्राम के रूप में प्रस्तुत किया है।
– *हिंदुत्व*: इस पुस्तक में सावरकर ने हिंदू राष्ट्रवाद की विचारधारा को विस्तार से प्रस्तुत किया है।
– *मोपांतुए*: यह सावरकर द्वारा लिखित एक कविता संग्रह है, जिसमें उन्होंने राष्ट्रवाद और हिंदू समुदाय के उत्थान के बारे में लिखा है।
*निष्कर्ष*
विनायक दामोदर सावरकर एक महान क्रांतिकारी, स्वतंत्रता सेनानी और हिंदू राष्ट्रवादी नेता थे। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और हिंदू समुदाय के उत्थान के लिए काम किया। सावरकर के विचारों और कृतियों का भारतीय राजनीति और समाज पर गहरा प्रभाव पड़ा है।
_अशोक चौधरी “प्रियदर्शी”_
कटिहार, बिहार
9431229143