सरकार पेट्रोल-डीजल पर टैक्स क्यों नहीं घटाती है ? हर नागरिक को जानने की जरूरत है.
आखिर विश्व बाजार में कच्चा तेल की कीमत गिरने के बावजूद भारत में तेल मंहगा क्यों ?
जब नरेन्द्र मोदीजी ने प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली, तो सिंहासन काँटेदार था.
पिछली सरकार ने अपने 10 वर्षों के शासन में बहुत भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी की. लगभग सभी सरकारी संस्थान बिखरे हुए थे, तथा देश पर विशाल विदेशी ऋण बने हुए थे.ईरान का बकाया48000 करोड़
यूएई का बकाया 40,000 करोड़
भारतीय ईंधन कंपनियां का घाटा 133000 करोड़
इंडियन एयरलाइंस का घाटा 58000 करोड़
भारतीय रेलवे का घाटा 22000 करोड़
बीएसएनएल का घाटा 1500 करोड़
सैनिकों के पास बुनियादी हथियार नहीं थे, और उनके पास बुलेट प्रूफ जैकेट नहीं थे. यदि युद्ध होता तो सेना 4 दिनों तक भी जीवित नहीं रह पाती.
उस समय मोदीजी की मुख्य जिम्मेदारी सभी प्रणालियों को ठीक से स्थापित करने की थी.
सौभाग्य से भारतीयों के लिए, अंतर्राष्ट्रीय बाजार में ईंधन की कीमतें कम हो गई हैं. आम आदमी को कम कीमतों से लाभ नहीं हुआ है. लोगों को लग रहा है कि सरकार ने गलत किया है.
देश की जनता मोदीजी से बहुत प्यार करते हैं, परंतु ईंधन की कीमत के लिए उनसे थोड़ा नाराज हैं. मोदीजी को पता है लेकिन वह आपकी मदद नहीं कर सके क्योंकि उन्हें अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए काम करना है.
पिछली सरकार की मूर्खता देश के लिए अभिशाप थी.
उन्होंने उधार लिया और कच्चा तेल खरीदा. लोगों की आक्रामकता से बचने के लिए उन्होंने कीमत नहीं बढ़ाई.
तब उन्होंने 250,000 करोड़ रुपये का विदेशी ऋण लिया था. इसके लिए हर साल ब्याज के रूप में 25,000 करोड़ रुपये देने पर रहेथे.
हमारे देश को भारी मात्रा में ऋण दिया गया था. और हमें अपने ऋणों का भुगतान करने के लिए कहा गया था ताकि भारत को बिना किसी रुकावट के ईंधन मिल सके.
ईंधन पर कर लगाने का क्या कारण है ? हम हम गर्व के साथ कह सकते हैं कि आज हमने ब्याज के साथ 250,000 करोड़ रुपये का कर्ज चुका दिया है.
रेलवे नुकसान कर रहा था. हमने पिछली सरकारों द्वारा शुरू की गई सभी परियोजनाएं लगभग पूरी की जा चूकि है तथा सुचारू रूप से चल रही हैं. अतीत में पहले की तुलना में रेलवे लाइनों के सभी विद्युतीकरण को तेज गति से पूरा किया.
साथ ही साथ ..
18500 गांवों का विद्युतीकरण किया गया.
गरीबों को 5 करोड़ मुफ्त गैस कनेक्शन दिए गए हैं.
हजारों किलोमीटर नई सड़कें बनीं.
युवाओं को 150,000 करोड़ ऋण प्रदान किया गया.
आयुष्मान भारत नाम के 50 करोड़ लोगों के लिए 150,000 करोड़ रुपये की योजना शुरू की.
हमारे सैनिकों को सभी नवीनतम और अद्यतन संस्करण हथियार और बुलेट प्रूफ जैकेट प्रदान किए गए हैं.
इन सभी कार्यों के लिए धन कहाँ से आया ? वह धन देश के लोग जो पेट्रोल और डीजल खरीदते हैं उसमें लगे टैक्स के रूप में देश और प्रदेश को देते हैं.
यदि सरकार पेट्रोल / डीजल पर कर हटाती हैं, तो क्या हमारे ऋणों का भुगतान करना संभव होगा ?
अभी सरकार कर्ज का भुगतान करते हुए , कई नई परियोजनाओं को भी ला रही हैं, इसलिए अप्रत्यक्ष रूप से सरकार को हर चीज पर कर बढ़ाने की जरूरत है. 👌🏾
जब परिवार पर बड़ा कर्ज का बोझ रहता है तब परिवार का मुखिया पहले कर्ज और ब्याज चूकाने का प्रबंध करता है. उसी प्रकार देश के मुखिया की जिम्मेदारी होती है कि पहले कर्ज चूकाने का प्रबंध करे, इसके लिए लोगों पर अतिरिक्त बोझ डालने की आवश्यकता पड़ती है.
विरोधियों के भ्रामक खेल में पड़ेने से बचने की आवश्यकता है साथ ही देश के नवनिर्माण एवं विकास में सरकार के कदम से कदम मिलाकर चलने की.