टूलकिट आखिर क्या है जिसपर मचा है बवाल, जानते हैंआसान भाषा में.
क्या आपको पता है कि ये टूलकिट (Toolkit) क्या होता है और इस पर इतना बवाल क्यों मचा हुआ है? टूलकिट में क्या-क्या शामिल होता है और कहां-कहां इसका इस्तेमाल होता है.
क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग के टूलकिट मामले में दिशा रवि को गिरफ्तार करने के बाद शांतनु और निकिता जैकब की तलाश तेज कर दी है. इसके लिए दिल्ली पुलिस की टीम ने मुंबई के अलावा कुछ अन्य शहरों में छापेमारी की है. टूलकिट केस में दिल्ली पुलिस ने सोमवार को दावा किया कि ग्रेटा थनबर्ग ने दिशा रवि के कहने पर ट्विटर से अपना ट्वीट हटा लिया था. क्या आपको पता है कि ये टूलकिट क्या होता है और इस पर इतना बवाल क्यों मचा हुआ है ?
क्या होता है टूलकिट ?
टूलकिट (Toolkit) किसी मुद्दे को समझाने के लिए बनाया गया एक डॉक्यूमेंट होता है, जिसको किसी थ्योरी को प्रैक्टिकल के रूप में समझाने के लिए बनाया जाता है. आसान भाषा में कहें तो किसी भी आंदोलन या कार्यक्रम को शुरू करने और फिर उसका दायरा बढ़ाने के लिए कुछ एक्शन पॉइंट्स तैयार किए जाते हैं. इन एक्शन पॉइंट्स को जिस दस्तावेज में दर्ज किया जाता है, उसे ही टूलकिट कहते हैं. टूलकिट को उन्हीं लोगों के बीच शेयर किया जाता है, जिनकी मौजूदगी से आंदोलन का असर बढ़ाने में मदद मिल सकती है.
बगावत का नया हथियार बनी ‘टूलकिट’
अब डिजिटल हो गया है टूलकिट
पहले जब कोई रैली, हड़ताल या फिर आंदोलन होता था, तब दीवारों पर पोस्टर चिपकाए जाते थे. उस वक्त पोस्टर ही टूलकिट की तरह काम करते थे, लेकिन अब वक्त बदल गया है और यह टूलकिट डिजिटल हो गया है. क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने गूगल डाक्यूमेंट के जरिए टूलकिट शेयर किया था.
टूलकिट में क्या-क्या होता है शामिल ?
टूलकिट में सोशल मीडिया पर यूज होने वाले हैशटैग के अलावा किस दिन, किस वक्त और क्या ट्वीट्स या पोस्ट्स करने से फायदा होगा. इस सभी बातों की जानकारी टूलकिट में दी जाती है. टूलकिट में लोगों को कैंपेन मटेरियल, न्यूज़ आर्टिकल्स की जानकारी दी जाती है और उन्हें बताया जाता है कि कैसे प्रदर्शन करना है.
कहां-कहां इस्तेमाल होता है टूलकिट
टूलकिट किसी आंदोलन की रणनीति का अहम हिस्सा होता है, लेकिन ऐसा नहीं है कि इसका इस्तेमाल सिर्फ रैली या फिर आंदोलन के लिए किया जाता है. आंदोलन के अलावा तमाम राजनीतिक पार्टियां, बड़ी-बड़ी कंपनियां, शिक्षण संस्थाएं और सामाजिक संगठन भी कई बार इसी तरह टूलकिट का प्रयोग अपने विचार और प्रोडक्ट की मार्केटिंग के लिए करती हैं.
‘टूलकिट’ का क्या है: किसान आंदोलन से कनेक्शन ?
बेंगलूरू की पर्यावरण कार्यकर्ता 22 वर्षीय दिशा रवि को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है। किसान आंदोलन से सम्बंधित टूलकिट मामले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने दिशा रवि को दिल्ली पुलिस को पांच दिनों की रिमांड पर सौंपा है। बता दें कि उन्हें टूलकिट मामले में शनिवार को गिरफ्तार किया गया था।
किसान आंदोलन में दिल्ली पुलिस ने आपराधिक साजिश रचने के आरोप में टूलकिट के एडिटरों के खिलाफ FIR नंबर 49/21 दर्ज किया था। पुलिस ने आरोप लगाया है कि टूलकिट मामला खालिस्तानी ग्रुप को दोबारा खड़ा करने और भारत सरकार के खिलाफ एक बड़ी साजिश है। पुलिस ने 26 जनवरी की हिंसा में भी टूलकिट की साजिश के संकेत दिए हैं।
तथाकथित पर्यावरण कार्यकर्ता 22 वर्षीय दिशा रवि पर आरोप है कि उन्होंने किसान आंदोलन के समर्थन में बनाई गई टूलकिट को एडिट किया है और उसे सोशल मीडिया पर शेयर किया है। यह वही टूलकिट है, जिसे स्वीडिश जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने सोशल किया था। दिल्ली पुलिस ने ट्वीट कर कहा है कि दिशा रवि उस टूलकिट की एडिटर हैं और उस दस्तावेज़ को तैयार करने से लेकर उसे सोशल मीडिया पर साझा करने वाली मुख्य साज़िशकर्ता हैं।
बता दें कि “टूलकिट” किसी भी मुद्दे को समझाने के लिए बनाया गया एक गूगल डॉक्यूमेंट होता है। यह इस बात की जानकारी देता है कि किसी समस्या के समाधान के लिए क्या-क्या किया जाना चाहिए ? यानी इसमें एक्शन प्वाइंट्स दर्ज होते हैं। इसे ही टूलकिट कहते हैं।
इसका इस्तेमाल सोशल मीडिया के संदर्भ में होता है, जिसमें सोशल मीडिया पर कैम्पेन स्ट्रेटजी के अलावा वास्तविक रूप में सामूहिक प्रदर्शन या आंदोलन करने से जुड़ी जानकारी दी जाती है। इसमें किसी भी मुद्दे पर दर्ज याचिकाओं, विरोध-प्रदर्शन और जनांदोलनों के बारे में जानकारी शामिल हो सकती है।
टूलकिट केस में निकिता जैकब फरार घोषित, इन दो आरोपियों की तलाश में छापेमारी हो रही है।
ग्रेटा थनबर्ग का टूलकिट कनेक्शन ?
इस मामले में जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने सबसे पहले तीन फरवरी को किसान आंदोलन से जुड़ा एक टूलकिट ट्विटर पर सोशल किया था। हालांकि, बाद में उसे डिलीट कर दिया गया। उसमें ग्रेटा ने लिखा था, “अगर आप किसानों की मदद करना चाहते हैं तो आप इस टूलकिट (दस्तावेज़) की मदद ले सकते हैं।” इसके बाद फिर चार फरवरी को ग्रेटा ने दोबारा टूलकिट शेयर किया और लिखा, “ये नई टूलकिट है जिसे उन लोगों ने बनाया है जो इस समय भारत में ज़मीन पर काम कर रहे हैं। इसके ज़रिए आप चाहें तो उनकी मदद कर सकते हैं।”
अशोक चौधरी "प्रियदर्शी"
Ashok Kumar Choudhary is a retired banker who has wide experience in handling rural banking, agriculture and rural credit. He is also a Trade Unionist and has held a leadership position in Bharatiya Mazdoor Sangh, trade wing of RSS and formaly he has been the chairman of Regional Advisory Committe, DT National Board of Workers Education. He in past he hold the post of Joint State President of National Human Rights Organization.