तमाम विवादों के बावजूद इंस्टेंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म Whatsapp अपने रुख पर कायम है। कंपनी ने ऐलान किया है कि भारत में जो भी यूजर उसकी नई प्राइवेसी पॉलिसी को स्वीकार नहीं करेंगे, वो मई 15, 2020 के बाद Whatsapp का प्रयोग नहीं कर पाएँगे। उसने यूजरों को सिक्यॉरिटी देने का वादा करते हुए कहा है कि वो अपने अपडेट से पीछे नहीं हटेगा। इस बीच कई लोग सिग्नल और टेलीग्राम जैसे एप्स पर शिफ्ट हो गए हैं।

अब व्हाट्सएप्प ने कहा है कि वो ‘धीरे-धीरे’ अपने यूजर्स से कहेगा कि वो उसके नए टर्म्स एंड कंडीशंस को स्वीकार करें। ऐसा न करने पर वो एप का प्रयोग ही नहीं कर पाएँगे। वो कॉल करने और रिसीव करने में तो सक्षम होंगे, लेकिन उन्हें मैसेज भेजने और देखने से प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। Whatsapp ने कहा है कि नई प्राइवेसी पॉलिसी को स्वीकार न करने के बावजूद कुछ दिनों तक यूजर्स को एप का प्रयोग करने दिया जाएगा।

उसने अब यूजर्स को आश्वस्त करने के लिए नया तरीका निकाला है। चैट विंडो के टॉप पर एक एड दिखाया जाएगा, जिसमें नई प्राइवेसी पॉलिसी के बारे में लोगों को ‘शिक्षित’ किया जाएगा। एकाध सप्ताह में ये फीचर काम करने लगेगा। इसमें बताया जाएगा कि उसे कौन सी सूचनाएँ चाहिए और कैसे इसका गलत उपयोग नहीं हो सकता है। यूजर्स को इस पॉलिसी के रिव्यू के लिए भी विकल्प दिए जाएँगे, ताकि वो और अधिक जानें।

व्हाट्सएप्प का ये रुख एकदम उन चीनी कंपनियों की तरह है, जो भारत में प्रतिबंधित होने से पहले सरकार और यूजर्स की बातों को अनसुना करते थे। Helo जैसे एप जहाँ चीन विरोधी कंटेंट्स को जम कर सेंसर किया करते थे, वहीं भारत विरोधी प्रोपेगंडा के लिए वहाँ जगह ही जगह थी। PUBG ने भी सरकार से बात कर के मामले को उलझना चाहा। TikTok भी कोई भी बात मानने को राज़ी नहीं हुआ था।

नतीजा ये हुआ कि चीन पर ‘डिजिटल स्ट्राइक’ के क्रम में इन एप्स को प्रतिबंधित कर दिया गया। इन्होंने सरकार के सवालों का जवाब देने की बजाए बातों को गोलमोल घुमाना शुरू कर दिया।  TikTok, Alibaba का UC Browser और Tencent का WeChat सहित 59 एप्स को केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (MeitY) मंत्रालय ने हमेशा के लिए बैन कर दिया। मामला उस बार भी सिक्योरिटी और प्राइवेसी से ही जुड़ा था।

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